Income Tax News: वित्तीय वर्ष शुरू होते ही करदाता ने अपना पैसा बचाने का हिसाब किताब लगाना शुरू कर दिया है। कोई होम लोन पर टैक्स बचाना चाहता है तो कोई आयरकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत अपना टैक्स बचाना चाहता है। लेकिन आपको एक तारीख नहीं भूलनी होगी अगर वह आप भूल जाते है तो आपको इनकम टैक्स में कोई भी छूट नहीं मिलेगी। चलिए आपको बताते है सारी जानकारी ताकि आप भी इनकम टैक्स की छूट का लाभ ले सके।
ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत मिलता है टैक्स छूट का लाभ
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024 है। अगर करदाता 31 जुलाई 2024 तक अपना आईटीआर दाखिल नहीं करते है तो फिर उन्हें न्यू टैक्स रिजीम को ही चुनना होगा। वहीं अगर आप 31 जुलाई 2024 से पहले आईटीआर दाखिल करते है तो आप ओल्ड टैक्स रिजीम चुन सकते है। सरकार ने 2023 के बजट से नई टैक्स व्यवस्था को डिफ़ॉल्ट रूप से लागू कर दिया है। इसका सीधा मतलब है कि एक तय समय के बाद करदाता ओल्ड टैक्स रिजीम को नहीं चुन सकते और न्यू टैक्स रिजीम के तहत ही आईटीआर भरना होगा।
न्यू टैक्स रिजीम के तहत नहीं मिलती छूट
बता दें कि सरकार ने 2019 में नई टैक्स व्यवस्था लागू की थी जिसमें इनकम टैक्स स्लैब दरें तो कम है लेकिन उसमे किसी भी प्रकार की छूट शामिल नही है। वहीं ओल्ड टैक्स रिजीम रेट अधिक होने के बावजूद होम लोन के ब्याज और प्रिसिंपल पर 3.50 लाख रूपये, 80 सी के तहत 1.50 लाख रूपये और बीमा पर 75 हजार रूपये तक की छूट का प्रावधान है। अगर आसान भाषा में कहे तो अगर करदाता 31 जुलाई 2024 से पहले अपना आईटीआर दाखिल नहीं करते तो आप ओल्ड टैक्स रिजीम नही चुन पाएंगे जिसके कारण आपको छूट का फायदा नही मिलेगा क्योकि 31 जुलाई 2024 के बाद से न्यू टैक्स रिजीम को चुनना होगा।
आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024 है। अगर करदाता 31 जुलाई तक अपना आईटीआर दाखिल नही करते है तो वह 31 अगस्त से लेकर 31 दिसंबर 2024 तक करदाता को विलंबित आईटीआर दाखिल करने का मौका दिया जाएगा। हालांकि आपको इसके लिए कुछ जुर्माना देना होगा। वहीं आईटीआर दाखिल करते समय आप ओल्ड टैक्स रिजीम नही चुन पाएंगे।