Income Tax News: आईटीआर दाखिल करने में अब महज कुछ ही दिनों का समय बच गया है। आयकर विभाग करदाताओं को समय- समय पर इस जानकारी प्रदान कर रहा है ताकि करदाता समय से अपना आईटीआर दाखिल कर सके और उन्हें जुर्माना न देना पड़ सके। गौरतलब है कि आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024 है। हालांकि करदाताओं को ध्यान रखना चाहिए का आईटीआर भरते समय उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए है, जिसमे से एक है एचआरए यानि हाउस रेंट अलाउंस इसके तहत करदाता टैक्स कटौती का दावा कर सकते है और टैक्स छूट का लाभ ले सकते है। चलिए आपको बताते है कि एचआरए क्लेम करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत कर सकते है क्लेम
आपको बता दें कि करदाता को आईटीआर दाखिल करते समय ओल्ड टैक्स रिजीम का विकल्प चुनन होगा बता दें इसके तहत करदाता टैक्स छूट का लाभ ले सकते है। बता दें कि एचआरए का दावा करके वेतनभोगी वर्ग का एक बड़ा वर्ग अपना टैक्स बचाने की कोशिश करता है, जिसके लिए वे आमतौर पर किराया पर्ची देकर एचआरए का दावा करते हैं। हालांकि, एचआरए का दावा करने के लिए कई बार कर्मचारी ऐसे सबूतों का सहारा लेते हैं जिनके बदले में नियोक्ता दावे को खारिज कर सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम आपको बता रहे हैं कि किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिनसे आपको बचना चाहिए।
रेंट रिसिप्ट के भरोसे न रहें
अक्सर कर्मचारी अपने कार्यालय में एचआरए का दावा करने के लिए किराए की रसीदें जमा करते हैं। ये किसी भी स्थिति में कर कटौती से छूट की गारंटी नहीं देते हैं और इनके अलावा, आपको अपने पक्ष में कुछ ठोस दस्तावेज़ भी जमा करने चाहिए जैसे बैंक खाता विवरण आदि।
नकद भुगतान करने से बचे
अगर आपने मकान मालिक को नकद भुगतान किया है और आपके पास इसका सबूत नहीं है (रसीद भी नहीं), तो आपका एचआरए दावा खारिज किया जा सकता है। आपको हमेशा नकद भुगतान करने के बजाय किराए का लेन-देन मकान मालिक के बैंक खाते में करना चाहिए और इसे साबित करने वाला एक बैंक विवरण होना चाहिए।