Income Tax News: देश में तेजी से डिजिटलीकरण हो रहा है। ऐसे में अब काफी लोग यूपीआई के जरिए पेमेंट करते हैं। इसमें समय के साथ कई तरह के झंझटों से भी बचा जा सकता है। मगर काफी लोग हैं, जो आज भी बैंक जाकर पैसे निकालते हैं। ऐसे में आपके पास बचत खाता होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेविंग अकाउंट में पैसे जमा करने पर आयकर विभाग का नोटिस मिल सकता है।
जी हां, ये सच है, ये तो आप जानते ही होंगे कि सेविंग अकाउंट में पैसे जमा करने पर कुछ ब्याज मिलता है। वैसे तो बचत खाते में पैसे जमा करने की कोई सीमा नहीं है। मगर एक वित्त वर्ष के दौरान सेविंग अकाउंट में पैसे जमा करने की एक सीमा है। जानें आप एक फाइनेंशियल ईयर में अपने सेविंग अकाउंट में कितने पैसे जमा और निकाल सकते हैं।
जानें क्या है आयकर विभाग का नियम
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के मुताबिक, एक वित्तीय वर्ष के दौरान किसी भी बैंक खाते में 10 लाख रुपये या फिर उससे ज्यादा की नकद राशि कर के दायरे में आती है। बता दें कि इस लिमिट में एफडी, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड और शेयर भी शामिल हैं। वहीं, चालू (करंट) अकाउंट में ये लिमिट 50 लाख रुपये से अधिक है। इसके लिए आपको आयकर की धारा 1962 के तहत 114ई की जानकारी होनी चाहिए।
सीनियर सिटीजंस को मिलती है इतनी छूट
यहां पर आपको बता दें कि बचत खाते में रकम पर मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स देना होगा। इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, बचत खाते में एक वित्तीय वर्ष के दौरान 10 हजार के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता है। वहीं, सीनियर सिटीजंस के लिए ये सीमा 50 हजार रुपये तक है। हालांकि, इसके लिए सीनियर सिटीजंस को आयकर नियमों का पालन करना होगा।
सोर्स का रखें ख्याल
बचत खाते में मिलने वाले ब्याज की रकम को व्यक्ति की आय की अन्य स्रोतों के साथ जोड़ा जाता है। इसके बाद ही एक वित्त वर्ष की कुल रकम का आंकलन किया जाता है। सेविंग अकाउंट में नकद जमा की कोई सीमा नहीं है, हालांकि, सेविंग अकाउंट होल्डर के पास उस कैश का सोर्स होना चाहिए।
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