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Income Tax News: टैक्स क्लेम करने के लिए आप तो नहीं करते ये बड़ी गलती, अगर पकड़े गए तो जुर्माने के साथ हो सकती है सजा

Income Tax News: करदाता अक्सर टैक्स बचाने के लिए फर्जी डॉक्यूमेंट्स का सहारा लेते हैं, अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है।

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Income Tax News: आयकर विभाग अक्सर करदाताओं के लिए कोई न कोई नई जानकारी साझा करता रहता है। ऐसे में हाल ही में इनकम टैक्स विभाग ने एक एडवरटाइजमेंट जारी किया है। इस विज्ञापन में बताया गया है कि टैक्स चुकाने वालों को गलत तौर पर टैक्स क्लेम का दावा नहीं करने के लिए कहा गया है। वहीं, अगर आपने टैक्स भरा है और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर छूट का दावा करते हैं तो अब आपको ऐसा करना भारी पड़ सकता है। जी हां देखिए क्या है पूरी डिटेल।

कंपनियां मांगती हैं निवेश का सबूत

आपको बता दें कि इस समय कई निजी कंपनियां अपने कर्मचारियों से निवेश का सबूत मांग रही हैं। कंपनियों ने अपने कर्मचारियों से वित्त वर्ष 2023-24 में किए गए निवेश का प्रमाण पत्र मांगा है। बताया जा रहा है कि ये प्रमाण पत्र 15 जनवरी 2024 तक वित्त विभाग को भेजा जाएगा। इसमें बच्चों की ट्यूशन फीस समेत कई तरह की छूट का दावे शामिल हैं।

इनमें जरूरी नहीं है निवेश का प्रमाण पत्र

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वित्त वर्ष के अंत में कर्मचारियों के निवेश प्रमाण पत्र जमा करने के बाद उनकी सैलरी में से कर कटौती होती है। इसे टीडीएस यानी टैक्स डिडक्शन ऑफ सोर्स बोला जाता है। कर्मचारियों को ज्यादातर किसी भी छूट का फायदा लेने के लिए उनका प्रमाण पत्र जमा करना जरूरी है। हालांकि, कुछ कंडीशन में ऐसा जरूरी भी नहीं है। इनमें EPFO और NPS स्कीम शामिल है।

फिर नहीं मिलेगा TDS का लाभ

आपको बता दें कि HRA , LTA, होम लोन, बच्चों की ट्यूशन फीस, म्यूचुअल फंड और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में छूट का फायदा उठाने के लिए प्रमाण पत्र जमा करना जरूरी होता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको टीडीएस कटौती में लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, अगर आप सबूत पेश नहीं कर पाते हैं तो भी आपको टैक्स कटौती का फायदा मिलेगा। मगर फिर आपको इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करनी होगी। आईटीआर प्रोसेस पूरा होने के बाद आपको टैक्स छूट का लाभ मिल सकता है।

न करें ये गलत काम

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इनकम टैक्स विभाग अब एआई स्कैनर जैसी एडवांस तकनीक का इस्तेमाल करता है। बताया जा रहा है इस तकनीक की वजह से फर्जी दस्तावेज और आईटीआर में न बताई गई इनकम का पता लगा लेता है। ऐसे में इनकम टैक्स विभाग करदाता को नोटिस जारी करता है, इसके बाद अगर कुछ भी गलत पाया जाता है तो जुर्माने के साथ सजा भी हो सकती है।

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