Monday, December 23, 2024
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India Unemployment: भविष्य में आधे से ज्यादा युवाओं को नहीं मिलेगी नौकरी, भारतीय एजुकेशन सिस्टम जिम्मेदार

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India Unemployment: दुनिया में भारत की अर्थव्यवस्था जहां एक ओर काफी तेजी से आगे बढ़ रही है। वहीं, दूसरी तरफ से भारत के लिए एक बुरी खबर आई है। आपको बता दें कि बीते दिनों विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस वित्त वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से प्रगति करने वाली अर्थव्यवस्था रहेगी।

रोजगार देने में होगी परेशानी

ऐसे में अब जो सबसे बड़ी परेशानी सामने आ रही है, वो है कि जितनी तेजी से हर साल भारतीय युवा ग्रेजुएट करके देश की वर्कफोर्स में शामिल हो रहे हैं, उतनी तेजी से उन्हें रोजगार देना एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में युवाओं को रोजगार देने के बीच में एक बड़ी बाधा आ रही है और वो है युवाओं की डिग्रियां। जी हां, आपने सही पढ़ा।

ब्लूमबर्ग ने जारी की चिंता वाली रिपोर्ट

ऐसे में दुनिया की जानी-मानी बिजनेस एनालिसिस करने वाली कंपनी ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट पेश की है। ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय युवाओं की डिग्रियों को लेकर एक गहरी चिंता व्यक्त की है। ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सबसे बड़ी समस्या योग्य लोगों की है। बाजार में रोजगार है, कंपनियों को जरुरत भी है और कंपनियां ढूंढ भी रही है, मगर इसके बाद भी उन्हें उचित योग्यता रखने वाले लोग नही मिल रहे हैं।

भारत की शिक्षा व्यवस्था जिम्मेदार

वहीं, दूसरी तरफ भारत में हर साल लाखों लोग ग्रेजुएट करके कॉलेजों से निकल रहे हैं। ऐसे में वो सभी बाजार में जाकर वर्कफोर्स का हिस्सा बन रहे हैं। ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस सिस्टम के लिए भारत की शिक्षा व्यवस्था जिम्मेदार है। एक तरफ तो सत्या नडेला और सुंदर पिचाई जैसे लोग निकल रहे हैं, वहीं, दूसरी तरफ हर साल सिर्फ डिग्री लेने के लोभ में लाखों लोग ऐसे निकल रहे हैं, जिनके पास मार्केट में काम करने के लिए उचित कौशल और ज्ञान नहीं है। ऐसे में ब्लूमबर्ग ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में बनी एक गहरी इस सिस्टम के लिए जिम्मेदार है।

आधे से ज्यादा युवाओं को नहीं मिलेगी नौकरी

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था में जारी बड़े स्तर पर छोटे शिक्षा संस्थान भी जिम्मेदार हैं। ये दो कमरों के अपार्टमेंट में पूरा कॉलेज चला रहे हैं और युवाओं को नौकरी देने के नाम पर सिर्फ कागज की डिग्री बांट रहे हैं। इन संस्थानों में न तो उचित क्लास होती है और न ही योग्य शिक्षक होते हैं। ऐसे में युवाओं को किसी भी तरह का प्रैक्टिकल ज्ञान नही मिल पाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में शिक्षा क्षेत्र का संगठित बाजार 120 अरब डॉलर का है। भारत की शिक्षा व्यवस्था के चलते आने वाले समय में आधे से ज्यादा युवा नौकरी पाने के हकदार नहीं होंगे।

Amit Mahajan
Amit Mahajanhttps://www.dnpindiahindi.in
अमित महाजन DNP India Hindi में कंटेंट राइटर की पोस्ट पर काम कर रहे हैं.अमित ने सिंघानिया विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म में डिप्लोमा किया है. DNP India Hindi में वह राजनीति, बिजनेस, ऑटो और टेक बीट पर काफी समय से लिख रहे हैं. वह 3 सालों से कंटेंट की फील्ड में काम कर रहे हैं.

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