Insurance Claim: आजकल लगभग सभी प्रकार के इंश्योरेंस मार्केट में मौजूद है। चाहे वह हेल्थ इंश्योरेंस हो या फिर गाड़ी का इंश्योरेंस हो। मालूम हो कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भारत में कार चलाने के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी जरूरी है। गौरतलब है कि बीमा कंपनी आपके वाहन की दुर्घटना या क्षति के कारण होने वाले वित्तीय नुकसान के लिए कवरेज प्रदान करती है। हालांकि कई बार ऐसा होता है कि बीमा कंपनी इंश्योरेंस रिजेक्ट कर देती है जिसके कारण कार मालिक को भारी नुकसाना उठाना पड़ता है। चलिए आपको बताते है किन कारणों से आपका इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
गलत जानकारी देना
जब भी आप इंश्योरेंस क्लेम करते है तो आपके अपने कार के बारे में सही जानकारी देनी होती है। कई बार कार मालिक कार की गलत जानकारी दे देते है। जिसके कारण इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
मॉडिफिकेशन की नहीं जानकारी देना
दरअसल अगर आप बीमा कंपनी को बिना बताए कार के अंदर कोई मॉडिफिकेशन करवाते है, या अनधिकृत या अनअप्रूव्ड गैरेज से कार की मरम्मत कराने पर भी बीमा कंपनियां क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है।
इंश्योरेंस पॉलिसी को सही तरीके से नहीं समझना
कई बीमा कंपनियां जीरो डेप्रिसिएशन कार इंश्योरेंस यानि अगर किसी कारण से आपकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है तो ठीक कर के देने की पूरी जिम्मेदीरी बीमा कंपनी होती है। हालांकि कई बार कार मालिक पाॉलिसी लेते वक्त ध्यान से नहीं पढ़ते और क्लेम के वक्त उन्हें परेशानी आती है।
क्लेम करने में देरी
क्लेम खारिज होना का सबसे बड़ा कारण क्लेम करने में देरी हो सकती है। इसलिए कभी भी हादसे के बाद तुरंत क्लेम करना चाहिए ताकि क्लेम रिजेक्ट ना हो।
ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना
अगर आप किसी भी प्रकार की यातायात कानूनों या सुरक्षों का उल्लंघन करते है और बीमा कंपनी को इसकी जानकारी लग जाती है तो आपका क्लेम खारिज हो सकता है।
जरूरी दस्तावेज अधूरा होने पर
अगर आप दुर्घटना के बाद क्लेम करते है तो आपके पास सभी दस्तावेज होने जरूरी है। जिसमे पुलिस रिपोर्ट, घटना की तस्वीरें, चोट लगने पर मेडिकल रिपोर्ट और गवाहों के बयान शामिल है। अगर आप दस्तावेज मुहैया नही करा पाते तो आपका इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।