Madhabi Puri Buch: ICICI बैंक के इस दावे से इनकार करने के बाद कि सेबी अध्यक्ष Madhabi Puri Buch को सेवानिवृत्ति लाभों के अलावा बैंक से कोई वेतन या कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना (ईएसओपी) प्राप्त हुई, भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक विवाद गर्म हो गया। इससे पहले, कांग्रेस ने बुच पर “लाभ का पद” रखने का आरोप लगाया था और कहा था कि सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में काम करते हुए उन्हें 2017 और 2024 के बीच आईसीआईसीआई बैंक से 16.80 करोड़ रुपये मिले। इसी बीच भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी प्रभारी अमित मालवीय ने इस मामले पर कांग्रेस को जमकर घेरा।
अमित मालवीय ने कांग्रेस पर साधा निशाना
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी प्रभारी अमित मालवीय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि
“कांग्रेस ने इसे वहीं से शुरू किया जहां से हिंडनबर्ग रिसर्च ने छोड़ा था, सेबी प्रमुख को निशाना बनाया। क्या यह संयोग है कि जब भी कांग्रेस किसी फर्जी एजेंडे को आगे बढ़ाने का फैसला करती है, तो श्री खड़गे या खेड़ा को आगे कर दिया जाता है”?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ICICI बैंक पर साधा निशाना
बता दें कि बीते दिन कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान माधबी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि “Madhabi Puri Buch, SEBI की मेंबर थीं, उसके बाद 2 मार्च 2022 को चेयरपर्सन बनीं, लेकिन SEBI चीफ बनने तक वे तीन जगहों से सैलरी ले रही थीं।
हालांकि आईसीआईसीआई बैंक ने पूरे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। इसके अलावा माधबी पुरी बुच के इस्तीफे की मांग करने के अलावा, कांग्रेस ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से प्रतिक्रिया की मांग की है, जो कैबिनेट की नियुक्ति समिति के प्रभारी हैं”।