Madhabi Puri Buch: SEBI प्रमुख Madhabi Puri Buch पर हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद से ही कांग्रेस लगातार उनपर हमलावर नजर आ रही है। आपको बता दें कि एक बार फिर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सेबी प्रमुख पर गंभीर आरोप लगाए है। आपको बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस ने माधवी पुरी बुच पर कई गंभीर आरोप लगा चुकी है। गौरतलब है कि एक बार फिर पवन खेड़ा ने आरोप और सवालों की बौछार कर दी है।
Pawan Khera का Madhabi Puri Buchपर गंभीर आरोप
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने Madhabi Puri Buch पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “हम पिछले 8-10 दिनों से सेबी चेयरपर्सन के विभिन्न कंपनियों के साथ वित्तीय संबंधों और हितों के टकराव को उजागर कर रहे हैं। हमें सेबी या पीएम से कोई जवाब नहीं मिला है। आईसीआईसीआई के जवाब में उस तरह का तथ्य नहीं था जैसा कि एक प्रतिक्रिया होनी चाहिए।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के दूसरे भाग में एक कंपनी एगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड का जिक्र था जो Madhabi Puri Buch और उनके पति की कंपनी है। इसके बाद उन्होंने स्पष्टीकरण जारी किया कि सेबी में शामिल होने के बाद यह कंपनी तुरंत निष्क्रिय हो गई। लेकिन 31 मार्च 2024 तक कंपनी में उनकी 99% हिस्सेदारी अभी भी है”।
कांग्रेस ने पीएम मोदी से पूछे कई सवाल
●SEBI प्रमुख के मामले पर कांग्रेस ने पीएम मोदी से कई सवाल पूछे। कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री से हमारे सवाल
●क्या आपको पता था कि Agora में माधबी जी की 99% शेयर होल्डिंग है?
●जब आपने माधबी जी को SEBI चेयरपर्सन बनाया, तो क्या आपको किसी एजेंसी ने रिपोर्ट नहीं दी थी?
●क्या आपको जांच एजेंसियों ने नहीं बताया था कि Agora के आर्थिक-व्यावसायिक रिश्ते उन कंपनियों से हैं, जिनकी जांच SEBI कर रही है?
●क्या आपके सामने किसी ने भी माधबी जी के खिलाफ सबूत नहीं रखे थे कि इन्हें दूसरे कंपनियों से इतने पैसे क्यों मिल रहे हैं?
●अगर ये सबूत सामने रखे गए थे, तो फिर कौन सी मिलीभगत जारी है। आखिर किसे फायदा पहुंचाया जा रहा है और क्यों किसी को बचाया जा रहा है?
मालूम हो कि इससे पहले भी कांग्रेस प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच पर कई गंभीर आरोप लगा चुकी है। इससे पहले कांग्रेस ने सेबी प्रमुख द्वारा आईसीआईसीआई से सैलरी लेने का भी आरोप लगाया था। हालांकि इसके बाद आईसीआईसीआई बैंक ने सभी आरोपों को गलत बताया था और आरोप को लेकर अपना सफाई दी थी।