MCE Industry: भारतीय खनन और निर्माण उपकरण (MCE Industry) उद्योग महत्वपूर्ण वृद्धि के लिए तैयार है। आपको बता दें कि अगले 5-7 वर्षों में स्थानीयकरण स्तर 70-80 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। ICRA यानि निवेश सूचना और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। माना जा रहा है कि आगामी सालों में खनन उद्योग बढ़ोतरी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसकी प्रभाव पड़ सकता है। गौरतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
MCE उद्योग में अच्छी बढ़ोतरी
ICRA के अनुसार, MCE उद्योग अपने बढ़ोतरी की और अग्रसर है। बता दें कि साल 2015 से 202 तक यह पहले ही 12 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ चुका है, जो 1.36 लाख तक पहुंच गया है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2030 तक उद्योग 25 अरब अमेरिकी डॉलर का बाजार बनने के लिए तैयार है।
MCE बन सकता है दुनिया का दूसरा वैश्विक केंद्र?
ICRA के मुताबिक इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला पारिस्थितिकी तंत्र के विकास की आवश्यकता होगी। एमसीई उद्योग के विज़न 2030 को साकार करने के लिए एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला महत्वपूर्ण है, जिसका उद्देश्य भारत को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एमसीई बाजार और विनिर्माण और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर कितना पड़ेगा असर
मालूम हो कि भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वहीं कई विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ सालों में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है। MCE उद्योग में जारी बढ़ोतरी भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। गौरतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार अच्छी बढ़ोतरी के कारण माना जा रहा है कि आने वाले सालों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।