Mohit Burman: ईडी एक बार फिर एक्शन मोड में नजर आ रही है। आपको बता दें कि ईडी ने इस बार डाबर के चैरमेन मोहित बर्मन का बयान दर्ज किया है। बता दें कि मोहित बर्मन पर धन के कथित दुरुपयोग के मामले में कार्रवाई की गई है। जारी जांच के दौरान अब जांच में डाबर समूह और संकटग्रस्त वित्तीय सेवा फर्म में वित्तीय दुर्व्यवहार के बीच संभावित संबंध सामने आए हैं। सूत्रों के मुताबिक ईडी ने रेलिगेयर के तीन स्वतंत्र निदेशकों के बयान भी दर्ज किए हैं। हालांकि जांच अभी शुरूआती दौर में है।
वैभव गवली की शिकायत पर जांच की गई शुरू
आपको बता दें कि वैभव गवली द्वारा माटुंगा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के बाद ईडी की जांच शुरू हुई। गवली ने आरोप लगाया कि रेलिगेयर के पूर्व निदेशकों, डाबर समूह के कई निदेशकों और अन्य लोगों को कथित फाईनेंशियल मिस कंडक्ट में फंसााया गया था। वहीं फाइनेंशियल सर्विस फर्म से पैसों की हेराफेरी और गैरकानूनी कार्यों के चलते कंपनी और उसके शेयर होल्डर्स को आर्थिक नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा , एफआईआर में कई लोगों और संस्थाओं को आरोपी के रूप में उल्लेख किया गया है, जैसे कि रेलिगेयर के पूर्व निदेशक शिविंदर मोहन सिंह और मालविंदर मोहन सिंह, इसके अलावा डाबर समूह के प्रमुख सदस्य जैसे मोहित बर्मन, विवेकचंद बर्मन और मोनिका बर्मन।
एफआईआर में 31 लोगों के नाम शामिल
मालूम हो कि दर्ज एफआईआर में 31 व्यक्तियों के नाम दर्ज है। शुरुआत में मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गई थी और तब से इसे ईडी द्वारा छत्तीसगढ़ ईसीआईआर में शामिल कर लिया गया है। माटुंगा के सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश बनकर द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पिछले साल नवंबर में प्रस्तुत की गई थी। साथ ही माटुंगा पुलिस स्टेशन में दर्ज एक और एफआईआर सामने आई है, जो डाबर ग्रुप के मोहित बर्मन और गौरव बर्मन को महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले से जोड़ रही है।