National Expressways 2025: नया साल शुरू होने में महज कुछ ही दिन बाकी रह गया है। जिसके बाद साल 2025 की शुरूआत हो जाएगी। आपको बता दें कि साल 2025 में 5 से अधिक एक्सप्रेसवे है जिसपर परिचालन शुरू करने की NHAI द्वारा योजना बनाई जा रही है। इस एक्सप्रेसवे की मदद से एक राज्य से दूसरे राज्य में जानें के लिए काफी आसानी होगी। साथ ही समय का भी काफी बचत होगा। चलिए आपको एक – एक करके कुछ महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे के बारे में बताते है जिस एक्स्प्रेसवे पर गाड़ियां फर्राटा भरने के लिए तैयार है।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे – National Expressways 2025
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, जो जनवरी 2025 में खुलने वाला है, दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को 6.5 घंटे से घटाकर 2.5 घंटे कर देगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 12000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, 212 किलोमीटर लंबा छह लेन वाला दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे यात्रियों की सुविधा के लिए 12 तरफ की सुविधाएं प्रदान करता है। माना जा रहा है कि इसके परिचालन के बाद दिल्ली से देहरादून मात्र 2.5 घंटे में पहुंच सकेंगे।
गंगा एक्सप्रेसवे – National Expressways 2025
गंगा एक्सप्रेसवे एक छह-लेन राजमार्ग परियोजना है जो NH 334 को मेरठ से और एनएच 2 प्रयागराज बाईपास तक जोड़ेगी। यह एक्सप्रेसवे यात्रा के समय को 12 घंटे से कम करके मेरठ और प्रयागराज के बीच छह घंटे कर देगा। इसकी शुरुआत मेरठ के बिजौली गांव से और प्रयागराज के जूदापुर दांदू गांव में समाप्त होती है। वहीं साल 2025 के मार्च अप्रैल में इस एक्सप्रेसवे की शुरूआत हो सकती है।
लखनऊ- कानपुर एक्सप्रेसवे
लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे उत्तर में एक बहुप्रतीक्षित बुनियादी ढांचा परियोजना है। यह 62 किमी लंबा, 6-लेन चौड़ा एक्सप्रेसवे है जो लखनऊ को कानपुर से जोड़ेगा। वहीं यह NH-27 के समानांतर चलेगा। उम्मीद है कि एक्सप्रेसवे यात्रा को कम करके क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगा। जिससे कनेक्टिविटी में सुधार, और व्यापार में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। वहीं इसकी शुरूआत 2025 में होने की उम्मीद है।
कांगड़ा शिमला हाईवे – National Expressways 2025
2023 में, NHAI ने शिमला से कांगड़ा तक एक राजमार्ग का निर्माण शुरू किया था। वहीं इस परियोजना को विभिन्न पैकेजों में विभाजित किया गया था। राजमार्ग में चार ऊंचे पुलों और नौ सुरंगों का निर्माण शामिल है। वहीं अगर इसके परिचालन की बाते करें तो इस एक्सप्रेसवे की शुरूआत 2025 में हो सकती है (National Expressways 2025)।
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को भारतमाला परियोजना के हिस्से के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह चरण 1 का एक हिस्सा है जो 1350 किमी तक फैला है। इस एक्सप्रेसवे की एक्सप्रेसवे की खासियत यह है कि हर 100 किलोमीटर पर इसमें ट्रॉमा सेंटर होंगे और 93 विश्राम स्थल होंगे। साथ ही, यह 12 हेलीपैड वाला पहला राजमार्ग है। माना जा रहा है कि साल 2025 के अक्टूबर तक इस एक्सप्रेसवे को पूर्ण रूप से खोल दिया जाएगा।