National Pension Scheme: रिटारयमेंट के बाद पेंशन आय का एक अच्छा स्त्रोत माना जाता है। हालियां समय में पेशन पाने के लिए कई योजनाएं उपलब्ध है। उनमे से एक एनपीएस भी है। एनपीएस में निवेश राशि मैच्योर होने के बाद निवेशक को पेंशन का लाभ मिलता है। आपको बता दें कि एनपीएस के नियमों में बदलाव हुआ है जो आपको जानना बेहद जरूरी है। गौरतलब है कि National Pension Scheme खाते पर पीओपी चार्ज की संरचना में बदलाव हुआ है। अगर आपके पास एनपीएस खाता है तो यह खबर आपके काम की हो सकती है। पीएफआरडीए ने पीओपी के नियमों में बदलाव को लेकर एक सर्कुलर जारी किया है।
क्या है पीओपी (PoP)?
पीओपी यानि प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस जो एनपीएस अकाउंट को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। गौरतलब है कि इसे पीएफआरडीए द्वारा नियुक्त किया जाता है। इस नेटवर्क के माध्यम से ग्राहक और एनपीएस एक दूसरे से जुड़े रहते है। हालांकि पीओपी इस सर्विस को प्रदान करने के लिए फीस लेता है। वहीं अब अधिकतम और न्यूनतम सीमा तय कर दी गई है।
पीओपी कितना लेता है चार्ज
जब निवेशक एनपीएस में पहली बार रजिस्टर करता है तो उसको 200 रूपये से लेकर 400 तक पीओपी देना होता है। इसके बाद निवेशक को 0.50 प्रतिशत का योगदान देना होता है। यह चार्ज 30 रूपये से लेकर 25 हजार रूपये तक का होता है। इसके अलावा सभी गैर वित्तीय लेन देन पर 30 रूपये का शुल्क लगाया जाता है।
क्या है National Pension Scheme?
National Pension Scheme एक टैक्स बचत स्कीम है। इस स्कीम के तहत 60 सालों के बाद निवेशक को निवेश की राशि का एक हिस्सा और दूसरा हिस्सा पेंशन के रूप में मिलता है। बता दें कि सभी बैंकों में यह स्कीम उपलब्ध है। 18 से 60 साल के बीच ही इस स्कीम में आवेदन किया जा सकता है।