Post Budget RBI Meeting: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बैंकिंग संबंधी उपायों और निर्णयों पर चर्चा करने के लिए आरबीआर की पारंपरिक बैठक में हिस्सा लिया। आपको बता दें कि बैठक के बाद निर्मला सीतारमण और शक्तिकांत दास द्वारा एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। गौरतलब है कि बजट के बाद यह वित्त मंत्री की पहली बैठक है। आपको बता दें कि वित्त मंत्री ने इस दौरान बैंकिंग प्रक्रिया में सुधार के लिए बैंकों को सुझाव भी दिए है।
बैंकों को अपने कोर पर ध्यान देने की जरूरत
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बैंकिंग सुधार के लिए कई मुख्य पहलु पर चर्चा की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि “बैंकों को अपने कोर पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। बैंकों का सबसे अहम काम डिपॉजिट लेना और लोगों को लोन देना है। बैंकों का डिपॉजिट अभी धीरे चल रहा है। लोग अधिक रिटर्न पाने के लिए शेयर मार्केट का रूख कर रहे है। बैंकों को जरूरत है कि वह अपने ग्राहकों के लिए कुछ आकर्षक ऑफर लेकर आए ताकि लोग बैंकों में ज्यादा से ज्यादा डिपॉजिट कर सके”।
ब्याज दरों की अस्थिरता पर क्या बोले आरबीआई गवर्नर
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों की अस्थिरता के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि “बैंक अपनी जमा दरें तय करते हैं, और वे अपनी ब्याज दरें तय करते हैं। अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग स्थिति हो सकती है।
मुझे लगता है कि हमारी वास्तविक ब्याज दरें बहुत अधिक अस्थिर नहीं रही हैं। वे काफी स्थिर हैं”।
4 नॉमिनी बना सकेंगे खाताधारक
मालूम हो कि केंद्रीय कैबिनेट की बैठक मे बैंकिंग नियमों में कुछ बड़े बदलावों की अनुमति दी है। नए नियम के मुताबिक अब खाताधारक 1 नॉमिनी की जगह 4 नॉमिनी बना सकेंगे। मालूम हो बैंक द्वारा किसी भी खाताधारक को पहले 1 नॉमिनी बनाने का अधिकार था लेकिन नए नियम के तहत अब नॉमिनी के रूप में 4 लोगों का नाम दिया जा सकेगा। कई विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार की तरफ से यह एक अच्छी पहल है।
अधिकांश लोग सबसे पहले अपनी पत्नी का नाम नॉमिनी के रूप में देते थे, लेकिन किसी दुर्घटना में पत्नी और खाताधारक दोनों की मृत्यु होने के बाद पैसा बैंक में ही जमा रहता है। वहीं अब 4 नॉमिनी बनाने के बाद खाताधारक के बच्चे भी पैसों का दावा कर सकेंगे।
क्या कहता है नया नियम
नए नियम के मुताबिक अगर खाताधारक 4 नॉमिनी बनाता है तो उसे नंबर के हिसाब से लिखना होगा। जैसे- 1 – पत्नी, 2 – लड़की, 3 – लड़की आदि। नियम के तहत अगर खाताधारक की मृत्यु हो जाती है तो जो पहले नंबर पर होगा उसे पूरा पैसा मिलेगा, वहीं अगर किसी कारण से 1 नंबर वाले व्यक्ति की मौत हो जाती है तो खाता का पैसा दूसरे व्यक्ति को मिलेगा।