Tuesday, November 5, 2024
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Raghuram Rajan ने कहा विकास का प्रचार भारत की सबसे बड़ी गलती, क्या उनकी टिप्पणी राहुल गांधी से प्रेरित है? जानें पूरी डिटेल

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Raghuram Rajan: आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के बयान से फिर एक बार फिर विकास को लेकर चर्चा तेज हो गई है। आपको बता दें कि रघुराम राजन ने कहा कि भारत को सतत आधार पर 8% की विकास दर हासिल करने के लिए और अधिक काम करने की जरूरत है। हालांकि कई लोगों का मानना है कि यह बयान राजनीति से प्रेरित है। वहीं विपक्ष की ओर से 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लक्ष्य पर कई बार सवाल उठाएं गए है, गौरतलब है कि वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में जीडीपी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था 8.4% की वृद्धि हुई। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत के लिए एक अच्छा संकेत है। चलिए आपको बताते है कि भारत की हाल में आर्थिक स्थिति क्या है, और भारत 2047 तक कैसे विकसित भारत का लक्ष्य पूरा कर सकता है।

भारत की ताजा आर्थिक स्थिति

क्रिसिल की इंडिया आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक 2031 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। वहीं इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 7 वित्त वर्ष (2025 से 2031 तक भारतीय अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का आंकड़ा पार कर 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंच जाएगी। बता दें कि दुनिया के कई देश आर्थिक मंदी से गुजर रहे है। जिसमे जापान, चीन के अलावा अन्य देश शामिल है। वहीं भारत निरंतर विकास की और बढ़ते हुए 2031 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थवयवस्था बनने की और अग्रसर है।

मोदी का लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का सपना

गौरतलब है कि आजादी के 100 साल पूरे होने पर मोदी सरकार का मकसद 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का है। बता दें कि वित्त मंत्री द्वारा 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश किया गया था। जिसमे 2024 तक विकसित भारत का जिक्र किया गया था। इंडिया एक विकाशील देश है। मालूम हो कि विकसित भारत का विजन में आर्थिक ग्रोथ, सतत विकास के लक्ष्य, ईज ऑफ लिविंग, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, इंफ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक कल्याण जैसे लक्ष्य शामिल है। वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट को पेश करने के दौरान 2047 का विकसित भारत का लक्ष्य रख गया है। इससे पहले भी पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कई बार विकसित भारत का जिक्र किया था।

रघुराम राजन ने क्या कहा?

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि चुनाव के बाद नई सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती कार्यबल की शिक्षा और कौशल में सुधार करना है। उन्होंने कहा, इसे ठीक किए बिना, भारत अपनी युवा आबादी का लाभ उठाने के लिए संघर्ष करेगा, ऐसे देश में जहां 1.4 अरब आबादी में से आधे से अधिक 30 वर्ष से कम उम्र के हैं। रघुराम राजन ने आगे कहा कि विदेशी निवेशक भारत की ओर रूख कर रहे है। वहीं सरकार के अनुमान के मुताबिक आने वाले वित्त वर्ष में यह 7 प्रतिशत बढ़ जाएगा। जिससे भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बन जाएगी।

भारत में विकास की क्या स्थिति है?

मोदी सरकार की तरफ से देश में विकास की स्थिति को बढ़ाने के लिए कई पहलुओं पर कार्य किया जा रहा है, और कही न कही इसका असर भी देखने को मिल रहा है। गौरतलब है कि कुछ ही सालों में भारत ने मेक इन इंडिया की तहत एक नया आयाम हासिल किया है। सरकार के नये प्रयासों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। इसके अलावा विदेशी निवेशकों का भी भारत की तरफ रूझान देखने को मिल रहा है। गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के बाद कई विदेशी कंपनियां भारत में निवेश के लिए आगे आ रही है।

भारत में शिक्षा और रोजगार की स्थिति

वर्ष 2030 तक भारत में विश्व की सबसे बड़ी युवा आबादी मौजूद होगी। देश की आबादी का 40 प्रतिशत युवा और बच्चे हैं। यह देश की शक्ति हैं तो इनका नियोजन चुनौती भी। शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार से जुड़ी पहल के लिहाज से देखें तो मोदी सरकार के 10 वर्षों को स्वर्णिम काल माना जा सकता है। इसमें नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) तैयार करने और उसे लागू करने से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजूबती देने जैसे वह सभी काम किए, जो युवा सोच और उनकी जरूरत के अनुरूप था। इनमें ऑनलाइन व डिजिटल शिक्षा भी एक अहम कदम है। इसमे कौशल विकास योजना भी शामिल है।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना – बता दें कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करना है। पीएमकेवीवाई का प्राथमिक उद्देश्य बड़ी संख्या में भारतीय युवाओं को उद्योग-प्रासंगिक कौशल प्रशिक्षण लेने में सक्षम बनाना है जो उन्हें बेहतर आजीविका सुरक्षित करने में मदद करेगा। इसका लक्ष्य योजना की अवधि के दौरान 10 मिलियन से अधिक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है।

प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) – प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), जो एक प्रमुख क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और बेरोजगार युवाओं की मदद करके गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना करना है।

मोदी सरकार डिजिटल शिक्षा को भी कुछ वर्षो में खूब बढ़ावा मिला है, गौरतलब है कि डिजिटल शिक्षा के माध्यम से ऐसे छात्रों को मदद मिल रही है जो दूर-दराज के क्षेत्रो में रहते हैं या गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल नहीं कर पा रहे थे। उन्हें भी डिजिटल शिक्षा के माध्यम से मदद मुहैया कराई जा रही है।

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