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RBI Monetary Policy: UPI पेमेंट को लेकर आरबीआई का बड़ा ऐलान, इन्फ्लेशन में धीमी गिरावट जारी; पढ़े पूरी रिपोर्ट

RBI Monetary Policy: मौद्रिक नीति समीति यानि MPC ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।

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RBI Monetary Policy
Shaktikant Das

RBI Monetary Policy: मौद्रिक नीति समीति यानि (MPC) ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट (repo rate) में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आपको बता दें कि इसकी जानकारी खुद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी। इसके अलावा Shaktikanta Das ने यूपीआईस महंगाई दर, जीडीपी समेत कई मुद्दों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी।

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी 7.2 प्रतिशत अनुमानित

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मोनेटरी पॉलिसी (monetary policy) के नतीजे घोषित करते हुए कहा कि “भारत की विकास की कहानी बरकरार है क्योंकि इसके मूलभूत चालक – उपभोग और निवेश की मांग गति पकड़ रही है।

(RBI Monetary Policy) 2024-25 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 7.2% अनुमानित है, जिसमें दूसरी तिमाही 7%, तीसरी तिमाही 7.4% और चौथी तिमाही 7.4% होगी। अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.3% अनुमानित है, जोखिम समान रूप से संतुलित हैं।

UPI लाइट वॉलेट की अधिकतम सीमा 5000 रूपये हुई

RBI Monetary Policy के नतीजे घोषित करते हुए RBI गवर्नर ने आगे कहा कि “यूपीआई ने निरंतर नवाचार और अनुकूलन के माध्यम से डिजिटल भुगतान को सुलभ और समावेशी बनाकर भारत के वित्तीय परिदृश्य को बदल दिया है।

UPI को व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहित करने और इसे और अधिक समावेशी बनाने के लिए, यह निर्णय लिया गया है – पहला, यूपीआई में प्रति लेनदेन सीमा -1,2,3 भुगतान को 5000 रुपये से बढ़ाकर 10000 रुपये करना और दूसरा, यह भी निर्णय लिया गया है। UPI लाइट वॉलेट की सीमा 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 कर दी गई है (RBI Monetary Policy)।

महंगाई को लेकर शक्तिकांत दास का बड़ा बयान

अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान RBI गवर्नर ने कहा कि “भारत की विकास गाथा बरकरार है। मुद्रास्फीति गिरावट की राह पर है, हालांकि हमें अभी भी काफी दूरी तय करनी है। (RBI Monetary Policy) मुद्रास्फीति के परिदृश्य में महत्वपूर्ण जोखिम हैं और इन जोखिमों को कम करके नहीं आंका जा सकता। हमें सतर्क रहने की जरूरत है। मुद्रास्फीति और विकास के बीच संतुलन ठीक-ठाक है। बाहरी क्षेत्र स्थिर बना हुआ है और भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत को दर्शाता है।”

मालूम हो कि आरबीआई मोनेटरी पॉलिसी (monetary policy) की मीटिंग हर दो महीने में एक बार होती है। जिसमें आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास मीटिंग के बाद नतीजे की घोषणा करते है।

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