Tuesday, November 26, 2024
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RBI Monetary Policy: आरबीआई ने मोदीनॉमिक्स के कार्यों पर लगाई मुहर, जीडीपी वृद्धि से विदेशी मुद्रा भंडार तक, सब कुशल मंगल; जानें पूरी डिटेल

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Maharashtra Election Result 2024: 'कहीं खुशी, कहीं निराशा!' इस पंक्ति का इस्तेमाल ऐसे मौकों के लिए जाता है जब किसी एक खेमे में खुशी तो वहीं दूसरे खेमे में निराशा हो। ये पंक्ति आज महाराष्ट्र के सियासत को चरितार्थ करती नजर आ रही है।

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Maharashtra Election Result 2024: 'बटेंगे तो कटेंगे' और 'एक हैं तो सेफ हैं।' ये दो ऐसे राजनीतिक नारे हैं जिनके इर्द-गिर्द महाराष्ट्र और यूपी की सियासत घूमती नजर आई है। पीएम मोदी (PM Modi) और सीएम योगी द्वारा दिए गए इन राजनीतिक नारों को लेकर बीजेपी और एनडीए के अन्य सहयोगी दलों में रार ठनती भी नजर आई।

RBI Monetary Policy: आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति की घोषणा की। आपको बता दें कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेपो रेट इस बार भी 6.5 प्रतिशत पर कायम है। इसके अलावा आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का असर है कि विदेशी मुद्रा अब तक के सबसे बड़े स्तर पर है।

जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने का अनुमान

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जीडीपी को लेकर कहा कि आरबीआई ने शुक्रवार को सामान्य मानसून की उम्मीदों, मुद्रास्फीति के दबाव में कमी और विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में निरंतर गति के आधार पर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7 प्रतिशत लगाया है। बता दें कि पहली तिमाही में जीडीपी 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दूसरी तिमाही में 6.9 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 7 प्रतिशत और चौथी तिमाही में भी जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

विदेशी मुद्रा भंडार अभी तक के उच्च स्तर पर

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 29 मार्च तक 645.6 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था। कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह मोदी सरकार की मजबूत नीतियों का ही असर है कि भारत अर्थव्यवस्था के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

मौद्रिक नीति

बता दें कि मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया। आरबीआई ने लगातार 7वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। माना जा रहा है कि सरकार की नीतियों का ही असर है कि लगातार 7वीं रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया।

महंगाई दर में आई कमी

दास ने कहा कि कोर महंगाई दर में कमी देखने को मिली है। लेकिन यह आरबीआई के तय लक्ष्य 4 फीसदी से अभी ऊपर है। हमारी प्राथमिकता है कि हम इसे नियंत्रित कर सके।

आरबीआई द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार आर्थिक विस्तार को बढ़ावा देने, विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने और विवेकपूर्ण मौद्रिक नीतियों को लागू करने में मोदी सरकार की एक अहम भूमिका मानी जा सकती है।

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