RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार 5 अप्रैल को रेपो दर पर अपने फैसले की घोषणा की और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। बता दें कि यह 7वीं बार है जब रेपो रेट में कोई बदलाव नही हुआ है। इसके अलावा आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखते हुए, आरबीआई के फैसले से देश में रियल स्टेट और घरेलू बिक्री को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। चलिए आपको बताते है कि क्या है एक्सपर्ट की राय?
जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने का अनुमान
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जीडीपी को लेकर कहा कि आरबीआई ने शुक्रवार को सामान्य मानसून की उम्मीदों, मुद्रास्फीति के दबाव में कमी और विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में निरंतर गति के आधार पर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7 प्रतिशत लगाया है। बता दें कि पहली तिमाही में जीडीपी 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दूसरी तिमाही में 6.9 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 7 प्रतिशत और चौथी तिमाही में भी जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
विदेशी मुद्रा भंडार अभी तक के उच्च स्तर पर
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 29 मार्च तक 645.6 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था। कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह मोदी सरकार की मजबूत नीतियों का ही असर है कि भारत अर्थव्यवस्था के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
रियल स्टेट सेक्टर के लिए है एक अच्छा संकेत
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने अपनी अप्रैल की बैठक में बाजार की अपेक्षाओं के अनुसार नीतिगत दरों पर कोई बदलाव नहीं किया। ऋण दरों में स्थिरता बनाए रखने की दिशा में यह कदम रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत है, जो लगातार बढ़ रहा है। चलिए आपको बताते है कि एक्सपर्ट की क्या राय है।
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल, के अनुसार “आरबीआई ने लगातार सातवीं बार रेपो रेट को स्थिर रखकर एक बार फिर अच्छी पहल की है। स्थिर रेपो रेट होम बायर्स के लिए विश्वसनीयता और आत्मविश्वास प्रदान करेगी। निःसंदेह इस स्थिरता का रियल एस्टेट सेक्टर के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा”।
मनोज गौड़, गौड़ ग्रुप के सीएमडी और क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष ने बताया कि “आरबीआई का निर्णय बेहद ही सराहनीय कदम है। भारतीय अर्थव्यवस्था के लगातार मजबूत प्रदर्शन के साथ रेपो रेट को लगातार सातवीं बार स्थिर रखने का निर्णय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अच्छा संकेत होगा। मुद्रास्फीति के आंकड़े अभी भी थोड़ी चिंता का विषय है। यह आरबीआई द्वारा एक अच्छा संतुलन निर्णय है। हमें उम्मीद है कि इस कदम से भारत को मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी जिसके बाद हम देश को कम ब्याज दर वाली व्यवस्था में प्रवेश करते देखेंगे। साथ ही अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में गिरावट एक चिंता का विषय है जिसके लिए रेपो रेट में कटौती के रूप में राहत की जरूरत है”।
कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर, अंसल हाउसिंग ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि “रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से हाउसिंग मार्केट में सकारात्मक राइज की उम्मीद है। बढ़ते हाउसिंग एक्सपेंस के बावजूद, अपरिविर्तत होम लोन दरें संभावित होम बायर्स को कुछ राहत देंगी। जिससे सेक्टर में कॉन्फिडेंस और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलेगा। आरबीआई का निर्णय नए प्रोजेक्ट्स की शुरुआत और रुचि के उभरते सेक्टर्स में डेवलपमेंट के विस्तार को बढ़ावा देने के लिए तैयार है”।
होम लोन की ईएमआई का बोझ कम होगा या बढ़ेगा?
आरबीआई एमपीसी ने 5 अप्रैल, 2024 को रेपो रेट 6.50 पर बनाए रखने का फैसला किया। इसका मतलब है कि रियल एस्टेट या होम लोन ईएमआई पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। चूंकि रेपो रेट में कोई बदलाव नही हुआ है, इसलिए बैंकों द्वारा शीघ्र ही अपनी उधार दरों को समायोजित करने की संभावना नहीं है। इसका मतलब है कि आपकी ईएमआई फिलहाल वही रहेगी। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आरबीआई का निर्णय ब्याज दरों पर बैंकों की भविष्य की कार्रवाइयों को प्रभावित कर सकता है।