RBI New Rules: आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज एमपीसी के नतीजों की घोषणा कर दी है। सबसे खास बात यह है कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। रेपो रेट 6.50 प्रतिशत पर बरकार है। हालांकि आरबीआई की तरफ से जीडीपी ग्रोथ वित्तीय वर्ष 2024 – 25 में 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 रखा गया है। इसी बीच आरबीआई द्वारा यूपीआई लाइट वॉलेट के नियमों में बदलाव किया गया है।
आरबीआई के गवर्नर ने दी जानकारी
भारत में डिजिटल पेमेंट का चलन काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। मालूम हो कि आरबीआई ने छोटे लेन – देन के लिए यूपीआई लाइट की शुरूआत साल 2022 में की थी ताकि, लोग आसानी से इसका लाभ उठा सकें। वहीं अब आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यूपीआई लाइट को लेकर नई जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि “यूपीआई लाइट के बडे़ पैमाने पर उपयोग को देखते हुए अब इसे ई-मेंडेट फ्रेमवर्क के तहत लाने का प्रस्ताव रखा गया है और कस्टमर को यूपीआई लाइट वॉलेट बैलेंस के उनके द्वारा थ्रैसहोल्ड लिमिट के नीचे जाने पर वॉलेट ऑटोमैटेकली दोबारा रिचार्ज हो जाने हेतु एक नई सर्विस लाई गई है”।
अगर आसान भाषा में समझे तो पहले की तरह अब यूजर को बार बार यूपीआई लाइट वॉलेट में पैसे ट्रांसफर नहीं करना होगा। अब यूपीआई लाइट वॉलेट लिमिट कम होने पर अपने आप यूजर के बैंक से यूपीआई लाइट वॉलेट में पैसा ट्रांसफर हो जाएगा।
नए नियम से कैसे होगा फायदा
●आरबीआई द्वारा जारी नए नियम के अनुसार यूपीआई लाइट वॉलेट में बार-बार पैसा जमा करने की झंझट खत्म हो जाएगी। अब यूजर के बैंक अकाउंट से अपने आप यूपीआई लाइट में पैसा ट्रांसफर हो जाएगा।
●आरबीआई का लक्ष्य ग्राहकों के लिए परेशानी मुक्त डिजिटल भुगतान के साथ-साथ छोटे मूल्य लेनदेन सेवाओं में सुधार करना है।
●गौरतलब है कि यूपीआई लाइट वॉलेट में केवाईसी की जरूरत नहीं पड़ती है।
उपयोगकर्ताओं को छोटे मूल्य के लेनदेन करने के लिए अपने UPI पिन का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसका सबसे फायदा यह होगा कि इमरजेंसी के वक्त यूपीआई लाइट वॉलेट के माध्यम से तुरंत पैसा ट्रांसफर कर सकते है।