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Rented Home vs Buying Home: किराए का घर या खुद का मकान, जानें कौन है आपके लिए बेहतर विकल्प; समझे पूरा कैलकुलेशन

Rented Home vs Buying Home: भारत में ज्यादातर लोगों का सपना होता है कि उनका खुद का एक घर हो जहां वह खुशी से रह सकें।

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Rented Home vs Buying Home
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Rented Home vs Buying Home: भारत में ज्यादातर लोगों का सपना होता है कि उनका खुद का एक घर हो जहां वह खुशी से रह सकें। हालांकि बीते कुछ सालों में इसका चलन थोड़ा बदला है। कई लोगों अपना घर खरीदने की जगह किराये पर रहना ज्यादा पसंद कर रहे है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि आपके के लिए क्या बेहतर विकल्प हो सकता है Rented Home vs Buying Home। हालांकि यह आमतौर पर कई वित्तीय और व्यक्तिगत कारकों पर निर्भर करता है।

वित्तीय खर्च पर निर्भर

किराए का घर- इसमें शॉर्ट टर्म में घर कम महंगा हो सकता है, खासकर यदि आप एक ही स्थान पर लंबे समय तक रहने की योजना नहीं बना रहे हैं। किराये पर लेने के लिए आम तौर पर कम पैसों की जरूरत होती है। आमतौर पर किराए पर घर लेने के लिए केवल कुछ महीनों का किराया और मासिक किराया भुगतान होता है।

खुद का घर खरीदना- डाउन पेमेंट और पंजीकरण शुल्क और अन्य शुल्कों के कारण, काफी अग्रिम लागत आती है। उदाहरण के तौर पर, यदि आपने 50 लाख रूपये में संपत्ति खरीदी है, तो आपको डाउन पेमेंट के रूप में 10 लाख रूपये और लगभग 2-3 लाख रूपये का अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

लंबे समय के लिए कौन है बेहतर विकल्प?

अगर आप निवेश में रूचि रखते है तो आप अपना खुद का घर खरीदने के बारे में सोच सकते है। लंबे समय के लिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है। उदाहरण के तौर अगर आप अपना घर खरीद लेते है तो आपको हर महीने किराया देने की जरूरत नहीं है। उसी पैसों का आप ईएमआई दे सकते है। इसके अलावा भी भविष्य में प्रॉपर्टी के दाम में इजाफा होगा।

आप अपने घर को रेंट पर भी दे सकते है। जिससे हर महीने आपको एक तय राशि मिलेगी। हालांकि भारत में घर खरीदना या किराए पर लेना आपके बजट, दीर्घकालिक लक्ष्यों और व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है। प्रत्येक के लिए लागत की गणना करना और इस बात पर विचार करना कि कोई एक स्थान पर कितने समय तक रहना चाहता है, इससे काफी अंतर आ सकता है।

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