Reserve Bank Of India: बीते दिन यानि 7 मार्च को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 5 जून से शुरू हुए एमपीसी के नतीजों की घोषणा की थी। वहीं रेपो रेट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। मालूम हो कि रेपो रेट बीते कई महीनों से 6.50 फीसदी पर बरकरार है। इसी बीच कल रात को आरबीआई ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ग्राहक केंद्रित नीतियों को लेकर जानकारी दी है।
आरबीआई ने दी जानकारी
बता दें कि आरबीआई ने अपने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए लिखा कि “आज के मौद्रिक नीति वक्तव्य में श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर ने पिछले कुछ वर्षों में आरबीआई द्वारा शुरू की गई ग्राहक केंद्रित नीतियों का उल्लेख किया।
इन पहलों के बारे में आरबीआई की वित्त वर्ष 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के पृष्ठ 142-143 पर विस्तार से बताया गया है”।
ग्राहक केंद्रित नीतियां से कैसे होगा फायदा?
ग्राहक सेवा और और समय पर शिकायत निवारण ग्राहकों द्वारा वित्तीय प्रणाली पर रखे गए विश्वास और विश्वसनीयता की नींव बनाता है। एक मजबूत और लचीला शिकायत निवारण तंत्र न केवल सेवा में कमी के कारण ग्राहकों की कठिनाई को कम करता है, बल्कि सामान्य रूप से वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में इकाई के ब्रांड मूल्य को भी बढ़ाता है और खासतौर पर ग्राहकों को खुश करता है। इससे ग्राहकों को काफी सुविधा होती है साथ ही बैंकिंग से जुड़े काम आसानी से पूरे हो जाते है।
आरबीआई द्वारा ग्राहक केंद्रित नीतियां
पिछले कुछ वर्षों में आरबीआई ने ग्राहक सेवा में सुधार लाने के उद्देश्य से विभिन्न संस्थागत तंत्र स्थापित किए हैं। जैसे एक राष्ट्र एक लोकपाल, आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र, ऋणदाता ग्राहक शिक्षा और संरक्षण विभाग, ग्राहक सेवा विभाग के लिए निष्पक्ष अभ्यास कोड, सुरक्षित बैंकिंग ग्राहक सेवा और सुरक्षा पर जन जागरूकता पैदा करना। इसके अलावा भी आरबीआई ने ऐसे कई ग्राहक केंद्रित नीतियां प्रदान की है।