Reverse Mortgage: अगर आप अकेले है और बुढ़ापे में आपका कोई सहारा नही है तो आप रिवर्स मॉर्गेज लोन का इस्तेमाल कर सकते है। चलिए आपको बताते है कि रिवर्स मॉर्गेज लोन का लाभ कैसे ले सकते है।
होम लोन और रिवर्स मॉर्गेज लोन में अंतर
रिवर्स मॉर्गेज लोन होम लोन के बिल्कुल उलटा होता है। होम लोन में हमे घर के सारे दस्तावेज जमा करने के बाद हमे लोन मिलता है। बैंक की तरफ से आपको लोन की पूरी रकम दे दी जाती है। और आपको हर महीने ईएमआई के तौर पर चुकाना पड़ता है। वहीं रिवर्स मॉर्गेज लोन में बैंक आपके घर को गिरवी रख लेता है। फिर हर महीने बैंक आपको पैसे देते रहेंगे। जब आवेदक की मृत्यु हो जाती है तो वह घर बैंक का हो जाता है। इस स्कीम के तहत मालिक को बैंक का पैसा वापस नही करना होगा। अगर व्यक्ति का परिजन घर वापस लेना चाहता है तो उसे पूरी रकम बैंक को अदा करनी होगी।
रिवर्स मॉर्गेज से जुड़ी कुछ खास बातें
इसमे आवेदक की आयु 60 साल से ऊपर होनी चाहिए। यह लोन 10 से 15 साल के लिए ही दिया जाता है। वह भारतीय जिनकी उम्र 60 साल या उससे अधिक है इस स्कीम का फायदा ले सकते है। इसके तहत बैंक 10 से 15 साल तक हर महीने एक तय रकम देती है।
क्यो भारतीय इसे नही चुनते है
ब्याज सहित ऋण की राशि उधारकर्ता की मृत्यु के बाद संपत्ति की बिक्री से वसूल की जाती है। इसलिए कानूनी उत्तराधिकारी को इसे विरासत के रूप में प्राप्त नही हो सकता है। रिवर्स मॉर्गेज ऋण से जुड़ी लागत और शुल्क पारंपरिक ऋण से अधिक होता है। उधारकर्ता को विस्तार या नवीनीकरण करने के लिए बैंक से अनुमति लेनी होगी
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।