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Rice Price Hike: क्या ग्लोबल मार्केट में इस बैन के कारण हो रहा चावल की कीमतों में इजाफा, जानें असली वजह

Rice Price Hike: भारत सरकार के चावल के निर्यात को बैन करने वाले फैसले का असर अब ग्लोबल मार्केट पर पड़ रहा है। खबर है कि इस कारण सप्लाई कम हो गई है और मांग बढ़ गई है जिसकी वजह से कीमत में इजाफा देखने को मिल रहा है।

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India Ban Rice Export
India Ban Rice Export

Rice Price Hike: भारत चावल निर्यात के मामले में विश्व के महत्वपूर्ण देशों में से एक है। विश्व के अनेक हिस्सों में भारत 40% तक की चावल की निर्यात करता है। ऐसे में अगर चावल के निर्यात को लेकर भारत अचानक से बैन लगा दे तो विश्व के कई सारे देश प्रभावित हो सकते हैं। खबरों की माने तो कुछ ऐसा ही हुआ है। भारत ने पिछले महीने देश के अंदर चावल के सप्लाई को नियंत्रण में लाने के लिए इसके निर्यात पर पूर्णतः बैन लगा दिया था। अब इस संबंध में जानकारी है कि दुनिया के कई हिस्सों में इसकी वजह से चावल की कीमतों (Rice Price) में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली है।

खबरों की माने तो भारत के इस कदम से एशिया में पिछले 15 साल के दौरान चावल की कीमत (Rice Price) अपने उच्चतम स्तर पर है। बता दें कि बीते दिनों ही भारत ने अपने बाजार से चावल के निर्यात पर लगे बैन को बढ़ाया था। वहीं इसके अतिरिक्त ये भी कहा जा रहा है कि मौसम की अनियमितता के कारण भी इसकी कीमत में इजाफा देखने को मिल सकता है।

वैश्विक बाजार में इस कारण बढ़ रही चावल की कीमत

बता दें कि भारत प्रमुख चावल निर्यातकों में से एक है। वर्तमान समय की बात करें तो अभी चावल की डिमांड वैश्विक बाजार में जोरों पर है और इस विषम परिस्थिति में भारत ने अपने देश से ग्लोबल मार्केट में चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है। भारत के चावल के निर्यात पर बैन लगाने के कारण अभी इसकी मांग और बढ़ गई है। ऐसे में मार्केट वैल्यू के हिसाब से देखें तो पता चलता है कि बढ़ते डिमांड के बीच सप्लाई का कम होना निश्चित रुप से कीमत में इजाफे का कारण बनेगा। वहीं इसके अतिरिक्त मौसम भी एक प्रमुख फैक्टर है जिसके कारण इसके कीमत आसामान छूते नजर आ रहे हैं।

अभी और बढ़ सकती है चावल की कीमत

खबरों की माने तो वैश्विक बाजार में चावल की कीमतों में अभी और इजाफा देखा जा सकता है। इसका एक प्रमुख कारण भारत के चावल निर्यात पर बैन लगाने के साथ मौसम की अनियमितता भी है। खबर है कि चावल के उत्पादन वाले प्रमुख देशों में बारिश की कमी के कारण इस बार चावल का उत्पादन कम हो सकता है। ऐसे में कयास लगाए जा हैं कि कम उत्पादन की स्थिती में डिमांड वैसे ही बढ़ जाएगी जिसका सीधा असर इसके कीमत में बढ़ोतरी के रुप में देखने को मिलेगा। बता दें कि भारत, वियतनाम और थाईलैंड विश्व के प्रमुख चावल उत्पादक देशों में से हैं। इसमें थाईलैंड ने भी बारिश की अनियमितता के कारण सूखा पड़ने का संदेश दे दिया है। ऐसे में इसको लेकर ग्लोबल मार्केट की चिंता और बढ़ गई है कि इस स्थिती से कैसे निपटा जाएगा।

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