Savings Scheme: हर नौकरीपेशा व्यक्ति भविष्य को ध्यान में रखकर निवेश करता है, ताकि उसे आने वाले समय में आर्थिक परेशानी से जूझना न पड़ें। ऐसे में अगर आपने भी किसी योजना में निवेश किया हुआ है तो इस खबर को अंत तक जरूर पढ़ें। दरअसल सरकार ने कई सेविंग स्कीम (Savings Scheme) के नियमों में बदलाव किया है। ऐसे में जानिए इन बदलावों से आपके ऊपर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
Savings Scheme के नए नियम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) सहित कई योजनाओं के नियमों में बदलाव किया है। बताया जा रहा है कि इससे निवेशक ज्यादा आकर्षित होंगे।
नए नियमों के मुताबिक, अब वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए तीन महीने का समय मिलेगा, जो पहले एक महीने का मिलता था। नियमों में बताया गया है कि कोई भी व्यक्ति रिटायरमेंट के 3 महीने बाद भी एससीएसएस में निवेश कर सकता है।
हालांकि, इसके लिए उस व्यक्ति को रिटायरमेंट की डेट का सबूत देना होगा। साथ ही इस योजना में निवेश की गई रकम पर मैच्योरिटी के समय पर ब्याज दर के हिसाब से ब्याज का भुगतान किया जाएगा।
इन Savings Scheme में हुआ बदलाव
इसके साथ ही पीपीएफ अकाउंट को समय से पहले बंद करने पर भी नियमों में बदलाव हुआ है। वहीं, राष्ट्रीय बचत समय जमा योजना में समय से पहले रकम निकालने पर भी कुछ बदलाव हुआ है। नए नियमों के मुताबिक, अगर 5 साल की योजना में 4 साल बाद पैसा निकाला जाता है तो उस पर पोस्ट ऑफिस वाली ब्याज दर मिलेगी। मौजूदा समय में 3 साल के हिसाब से ब्याज दर मिलती है।
ये हैं Savings Scheme की डिटेल
सरकार फिलहाल 9 स्मॉल योजनाओं का संचालन करती है। इसमें वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस), रिकरिंग डिपॉजिट (आरडी), सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई), महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र, किसान विकास पत्र और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) शामिल हैं।
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