Sovereign Gold Bond Scheme: अगर आप निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प तलाश रहे हैं तो आपके लिए ये खबर लाभकारी सिद्ध हो सकती है। दरअसल 18 दिसंबर से एक बार फिर सस्ते दाम पर गोल्ड खरीदने का मौका मिल रहा है। जी हां, आपने सही पढ़ा। भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम (एसजीबी) (Sovereign Gold Bond Scheme) को जारी कर दिया है। ये स्कीम 22 दिसंबर 2023 तक खुली रहेगी। नीचे जानिए इसकी पूरी डिटेल।
RBI ने जारी की स्कीम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम की तीसरी सीरीज को जारी कर दी है। वहीं, चौथी सीरीज को अगले साल 12 से 16 फरवरी 2024 के बीच जारी किया जाएगा। ऐसे में कोई भी व्यक्ति इस स्कीम में निवेश करके गोल्ड खरीद सकता है। सरकार ने इस सीरीज की कीमत भी जारी कर दी है।
क्या है गोल्ड बॉन्ड की कीमत
आरबीआई ने बताया है कि एसजीबी 0.999 वाले शुद्दता के साथ गोल्ड को साधारण औसत के बेड पर 6199 रुपये प्रति ग्राम पर खरीदा जा सकता है। वहीं, अगर आप ऑनलाइन या डिजिटल मोड में पेमेंट करते हें तो निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलती है। ऐसे में इस बॉन्ड की कीमत 6149 रुपये रह जाती है।
दोनों मोड में खरीद सकते हैं गोल्ड बॉन्ड
गोल्ड बॉन्ड को आप ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से खरीद सकते हैं। ऑफलाइन मोड में खरीदने के लिए आपको सेलेक्टेड बैंकों की शाखाओं में जाकर एक फॉर्म भरना होगा। इसके बाद सभी जरूरी दस्तावेजों के बाद आप निवेश कर सकेंगे। आप पोस्ट ऑफिस, स्टॉक एक्सचेंज से भी खरीद सकते हैं। वहीं, ऑनलाइन मोड में खरीदने के लिए आपको आरबीआई या चुने हुए बैंकों की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर गोल्ड बॉन्ड के लिए अप्लाई करना होगा। यहां पर आपको ध्यान रखना कि बॉन्ड खरीदने के लिए आपका डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है।
कितनी है गोल्ड बॉन्ड में निवेश की लिमिट
आरबीआई के मुताबिक, इस बॉन्ड में कम से कम 1 ग्राम गोल्ड खरीदा जा सकता है। एक बार में कोई भी इंसान 500 ग्राम तक गोल्ड में निवेश कर सकता है। वहीं, एक वित्तीय साल में अधिकतम 4 किलोग्राम तक गोल्ड खरीदा जा सकता है। संस्थान के लिए ये सीमा 20 किलोग्राम तक है।
गोल्ड बॉन्ड पर मिलता है इतना ब्याज
इस बॉन्ड पर वार्षिक आधार पर 2.5 फीसदी तक का रिटर्न मिलता है। इसका भुगतान साल में दो बार निवेशक को किया जाता है। इस बॉन्ड की निर्धारित समयसीमा 8 साल तक की है। मगर आप 5 साल बाद भी इस स्कीम से बाहर निकल सकते हैं। वहीं, इसमें ब्याज सहित मूल रकम मैच्योरिटी की सीमा पूरी होने के बाद मार्केट रेट पर अकाउंट में पहुंच जाती है।
भारत सरकार द्वारा समर्थन हासिल करने वाली इस स्कीम में किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं है। इस तरह से इस गोल्ड बॉन्ड में निवेश लगभग सुरक्षित माना जाता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए है। कोई भी वित्तीय निर्णय किसी योग्य पेशेवर के परामर्श से लिया जाना चाहिए। यहां दी गई जानकारी के आधार पर डीएनपी न्यूज नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं है।
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