Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 23 जुलाई को आम बजट पेश किया जाएगा। मालूम हो कि यह मोदी 3.0 का पहला आम बजट होगा। बता दें कि वित्त मंत्री द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले अंतिरम बजट पेश किया गया था हालांकि वह चुनाव तक ही था। आम लोगों को इस Budget 2024 से खासी उम्मीदें है। इसके अलावा कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार मोदी 3.0 सभी सेक्टरों के लिए कुछ विशेष ऐलान हो सकता है। इसी बीच शिक्षा क्षेत्र में कुछ बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही है। चलिए आपको बताते है कि शिक्षा क्षेत्र में विशेषज्ञों का क्या राय है।
अभिभावकों को शिक्षा क्षेत्र से क्या उम्मीदें है?
पेपर लीक पर शख्त कानून – गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों में कई बार पेपर लीक की खबरे सामने आई है। वहीं अब अभिभावकों की मांग के कि वित्त मंत्री द्वारा पेपर लीक को रोकने के लिए कुछ बड़ा ऐलान करना चाहिए ताकि बच्चों का भविष्य बर्बाद न हो।
कॉलेंजों में फीस को लेकर नियम- गौरतलब है कि कई अभिभावक वित्तीय तौर पर कमजोर होने के कारण उनका बच्चा बड़ा यूनिवर्सिटी से दाखिल लेने में वंचित हो जाते है क्योंकि उनके पास पर्याप्त मात्रा में पैसे नहीं होता है।
एजुकेशन लोन की प्रक्रिया आसान बनाना- बड़े-बड़े संस्थानों में दाखिला लेने के लिए अभिभावकों को एक मोटी फीस देनी होती है, कई बार पैसे न होने के कारण वह एजुकेशन लोन के लिए अप्लाई करते है लेकिन प्रक्रिया जटिल होने के कारण कई बार एजुकेशन लोन नहीं मिल पाता है। इसके साथ ही एजुकेशन लोन में सरकार को ब्याज दर कम करना चाहिए।
संस्थानों की क्या है मांग?
उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा- कई विशेषज्ञों का मानना है कि कई बड़े कॉलेजों में ज्यादा फीस तो ली जाती है लेकिन उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान नहीं की जाती है जिसके बाद आगे चलकर छात्रों को काफी संघर्ष करना पड़ता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान- संस्थानों का मानना है कि सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि छात्रों का पढ़ाई का अच्छा वातावरण मिल सके।
नए आईआईटी, आईआईएम का निर्माण – गौरतलब है कि देश में बहुत कम आईआईटी, आईआईएम है जिसके कारण न चाहते हुए छात्रों को पढ़ाई के लिए विदेश जाना पड़ता है या फिर बड़ी रकम देकर यूनिवर्सिटियों में दाखिला लेना पड़ता है। संस्थानों की मांग है कि अगर देश में ही ज्यादा से ज्यादा आईआईएम, आईआईटी खोले जाएंगे तो इससे छात्रों को देश में ही रहकर अच्छी गुणवत्ता वाली पढ़ाई करने को मिलेगा।
जीएसटी में छूट
कई विशेषज्ञों का मानना है कि गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) और निम्न आय वर्ग के छात्रों को सभी शैक्षणिक खर्चों पर 100 प्रतिशत जीएसटी छूट मिलनी चाहिए, चाहे वह परीक्षण-तैयारी हो या नौकरी-उन्मुख कौशल पाठ्यक्रम। उन्होंने बताया, “शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरत के लिए 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब बहुत अधिक है। सरकार को अधिक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए एक तंत्र विकसित करना चाहिए और साथ ही इसे किफायती भी बनाना चाहिए।