Tuesday, November 19, 2024
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Union Budget 2023 में महंगाई को लेकर आम आदमी की उम्मीदें, गेहूं का सरकारी स्टॉक जारी नहीं हुआ तो और बढ़ेंगे आटे के भाव

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Union Budget 2023: महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ रखी है। किचन में सब्जियों से लेकर रसोई गैस, दाल, चावल, आटा आदि के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं जिसके कारण आम आदमी की जेब पर काफी असर पड़ रहा है। इतना ही नहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि बीते एक साल में आटे के दामों में 40 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। अब आम आदमी की सारी उम्मीदें आने वाले बजट पर टिकी हुई हैं ताकि सरकार की तरफ से महंगाई को थोड़ा कम किया जाए। अगर आने वाले दिनों में सरकार ओपेन मार्केट सेल योजना के तहत गेहूं का स्टॉक जारी नहीं करती है तो कीमतों में और भी इजाफा हो सकता है जिसके बाद आटे के भाव आसमान छू सकते हैं।

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पिछले साल के मुकाबले कितने बढ़े गेहूं के दाम

आपको बता दें कि बीते एक साल से आटे की कीमतों में लगातार उछाल दर्ज किया जा रहा है। अगर इनकी कीमतों पर नजर डालें तो उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल 2022 को गेहूं का औसत मूल्य 22 रुपए प्रति किलोग्राम था जो अब 28 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है। इस तरह 27 फीसदी की बढ़त हुई। इस तरह जो आटा पहले 25 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा था अब उसकी कीमत 35 रुपए से ज्यादा हो गई है। इस तरह बीते साल आटे के दामों में 40 फीसदी की बढ़त हुई है। आटे की कीमत बढ़ने के साथ ही आम आदमी की थाली महंगी हो गई है। इतना ही नहीं गेहूं से बनने वाली अन्य चीजें जैसे- ब्रेड, बिस्किट आदि भी महंगे हो गए हैं।

कब हो सकता है सस्ता?

ओरिगो कमोडिटी के सीनियर मैनेजर इंद्रजीत पॉल का कहना है कि सरकारी गोदामों में लगभग 115 लाख टन गेहूं हैं। वहीं बफर स्टॉक की सीमा 74 लाख टन है। अगर सरकार 15 दिन के अंदर ओपन मार्केट सेल योजना के तहत गेहूं बाजार में नहीं बेचती है तो आने वाले समय में गेहूं और आटा और महंगा हो सकता है।

एक महीने में 15-20 प्रतिशत की हुई बढ़त

एक महीने के अंदर गेहूं की कीमतों में 15-20 प्रतिशत की बढ़त हुई है। जिसके कारण आटा, मैदा, ब्रेड, बिस्किट आदि की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। अभी तक मिल के मालिक सरकार से उम्मीद कर रहे थे कि सरकार ओपन मार्केट सेल योजना के तहत गेहूं बेचेगू जिससे गेहूं सस्ता हो सकता है लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ जिसके कारण मिल मालिकों ने महंगे दाम पर ही गेहूं खरीदना शुरू कर दिया है जिसके कारण गेहूं से बनी चीजें और भी ज्यादा महंगी हो गई हैं।

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