Union Budget 2023: भारत का आम बजट 1 फरवरी 2023 को पेश किया जाएगा। इस बार के बजट में सभी क्षेत्रों को खास उम्मीदें हैं। इसमें टूरिज्म सेक्टर भी शामिल है। कोरोना महामारी ने इस सेक्टर को काफी बुरी तरह से प्रभावित किया है। ऐसे में अब कोरोना महामारी के नियंत्रित होने के बाद इस सेक्टर को सरकार से काफी उम्मीदें हैं। इस सेक्टर से जुड़े लोग अपने विचार और उम्मीदें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास भेज रहे हैं। आइए जानते हैं कि इस बार के बजट में ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर को क्या मिल सकता है और इस सेक्टर की क्या उम्मीदें हैं।
टूरिज्म सेक्टर में ढांचागत सुधार की जरूरत
टूरिज्म सेक्टर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत इस क्षेत्र से काफी अच्छी मात्रा में विदेशी मुद्रा कमा सकता है, मगर इसके लिए पहले टूरिज्म सेक्टर को सही से स्थापित करना होगा। टूरिज्म सेक्टर में ढ़ाचागत सुधार करके इसे मजबूत बनाया जा सकता है। इसके लिए सरकार को कई पहलुओं पर ध्यान देने की जरूरत है। इसमें निर्यात की स्थिति में जीएसटी को पहले के मुकाबले अधिक युक्तिसंगत बनाने की जरूरत है। मालूम हो कि भारत में टूरिज्म सेक्टर का एक बड़ा दायरा है, मगर अब तक इसे सही तरीका नहीं मिल पाया है।
टूरिज्म सेक्टर को सरकार से मदद की जरूरत
टूरिज्म सेक्टर के जानकारों का कहना है कि भारत के टूरिज्म सेक्टर ने उद्योग को मजूबत और बेहतर बनाने के लिए सरकार से मदद मांगी है। इस संबंध में मेक मायट्रिप के सह-संस्थापक राजेश मागो ने कहा है कि भारत के ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। इस सेक्टर ने महामारी के पूर्व वाली स्थिति की तरह ही घरेलू अवकाश यात्रा में अपने आपको सही कर लिया है। हालांकि, अभी भी विदेश यात्रा के लिए इसमें सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि उद्योग ने इसके लिए सरकार से जरूरी समर्थन मांगा है और हमें उम्मीद है कि सरकार इस ओर पूरा ध्यान देगी।
सेक्टर में तेजी लाने के लिए करना होगा ये काम
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस सेक्टर में तेजी लाने के लिए सरकार घरेलू यात्रा क्रेडिट नीति बना सकती है। इसके साथ ही देश की सांस्कृतिक विरासत को स्थापित करने जैसे कदम उठा सकती है। सरकार ट्रैवल और टूरिज्म एजेंटों के लिए एक अलग से फंड तैयार कर सकती है। इससे इस सेक्टर के सभी एजेंटों में पहले से ज्यादा विश्वास पैदा होगा, जो कि इस क्षेत्र के लिए विकास को बढ़ावा देने का काम करेगा। सरकार को पयर्टन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देना चाहिए। साथ ही सभी राज्य सरकारों को अपने-अपने स्तर पर पयर्टन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन करना चाहिए।
इस बार के क्रेंदीय बजट से इस सेक्टर को आउटबाउंड यात्रा और एलआरएस प्रेषण के लिए टीसीएस को कम करना। साथ ही घरेलू टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 4 साल में दो बार के मुकाबले एलटीए का विस्तार साल में एक बार करना और टीडीएस दर को कम करना, क्योंकि इससे कॉरपोरेट यात्रा काफी हद तक बुरे तरीके से प्रभावित होती है।
इस पर भी देना होगा ध्यान
इसके अलावा बजट में टूरिज्म सेक्टर को जो सबसे बड़ी उम्मीद है कि एक रात के लिए 1000 से कम के होटल के कमरे बुक करने पर लगने वाले 12 फीसदी के जीएसटी पर विचार किया जाए। इससे यात्रा का खर्चा बढ़ता है, जबकि ट्रैवल लागत पहले से ही अधिक बनी हुई है। ये टैक्स लोगों को यात्रा करने में मुश्किल पैदा करता है। इससे देश के विभिन्न स्थानों पर यात्रा में गिरावट होती है।
भारत की जीडीपी में टूरिज्म सेक्टर का अहम योगदान
वहीं, भारत की जीडीपी के लिए टूरिज्म सेक्टर काफी अच्छा योगदान देता है। राष्ट्रीय टूरिज्म नीति 2047 तक एक ट्रिलयन डॉलर जीडीपी योगदान का लक्ष्य है। बजट में टूरिज्म सेक्टर को इन उम्मीदों के अलावा भी कई तरह की जरूरत है। आपको बता दें कि ये सेक्टर विदेशी मुद्रा आय के अलावा, यात्रा, टूरिज्म और संबद्ध उद्योगों में मूल्यवान कौशल विकास और रोजगार पैदा करता है। इस तरह से ये सेक्टर देश के विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
साल 2022 के बजट में टूरिज्म को क्या मिला
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर पिछले तीन सालों से प्रभावित है। अभी भी इस सेक्टर में महामारी से पहले वाली तेजी नहीं आ पाई है। हालांकि, केंद्र सरकार ने पिछले साल के बजट में इस सेक्टर को थोड़ी राहत दी थी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2022 के बजट में इस सेक्टर को 2400 करोड़ का पैकेज दिया था। सरकार द्वारा ये राशि साल 2021 के मुकाबले 18 फीसदी से ज्यादा थी। इससे इस सेक्टर को काफी हद तक बूस्ट मिला। साथ ही निर्मला सीतारमण ने बजट में आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS Scheme) को मार्च 2023 तक बढ़ा दिया था।
2400 करोड़ में से 1644 करोड़ रुपए पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए और 421.50 करोड़ रुपये प्रचार के लिए होंगे। साल 2022 के बजट में वित्त मंत्री ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत राष्ट्रीय ‘रोपवे’ विकास कार्यक्रम चलाने का भी ऐलान किया गया था।
2020 के बजट में संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा मिला
आपको बता दें कि साल 2020 के आम बजट में संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा के लिए सरकार ने 2500 करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया था। इसके साथ ही देश के महत्वपूर्ण टूरिज्म स्पॉट को तेजस एक्सप्रेस ट्रेन से जोड़ने के साथ ही निर्मला ने शुरुआत में पांच पुरातात्विक महत्व के स्पॉट को विकसित करने की योजना बनाई है। सरकार संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक डीम्ड यूनिवर्सिटी भी खोलने की घोषणा की थी।
कोरोना महामारी से पहले पयर्टन के लिए सरकार ने क्या किया
वहीं, कोरोना महामारी से पहले मोदी सरकार ने साल 2019 में सत्ता में वापसी करने के बाद बजट पेश किया था। इस दौरान सरकार ने कहा था है कि पिछले 2 से 3 सालों में विदेशी सैलानियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इसका मतलब है कि भारत अब पयर्टन के क्षेत्र में दुनिया के कई विकसित देशों को टक्कर देने की ओर अग्रसर है। पयर्टन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नए पयर्टन स्थलों का निर्माण किया है।
अगर सरकार इस सेक्टर को मदद करती है तो ये आगे जाकर देश की अर्थव्यवस्था के लिए अहम योगदान दे सकता है। इस क्षेत्र को बढ़ावा देने का मतलब है कि इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर से रोजगार पैदा होता है।
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