UPI: बीते कुछ सालों में डिजिटल पेमेंट का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। वित्त मंत्रालय के अनुसार भारत में डिजीटल पेमेंट के मामले में सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए है। वहीं वित्त मंत्रालय के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले पांच महीनों में डिजिटल भुगतान का मूल्य बढ़कर 1669 लाख करोड़ रुपये हो गया है। मंत्रालय ने कहा कि डिजिटल भुगतान(UPI) की लेनदेन मात्रा इसी अवधि में यह 8659 करोड़ तक पहुंच गया है। इसके अलावा यूपीआई लेनदेन का मूल्य 1 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 200 लाख करोड़ रुपये हो गया है, 138 प्रतिशत सीएजीआर के साथ।
वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी
वित्त मंत्रालय ने बीते दिन यानि 20 सितंबर को जानकारी देते हुए बताया कि “भारत में डिजिटल भुगतान में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। वित्त मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 में डिजिटल भुगतान लेनदेन की कुल संख्या 2071 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 18,737 करोड़ हो गई है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी 5 महीनों (अप्रैल-अगस्त) के दौरान लेनदेन की मात्रा 8659 करोड़ तक पहुंच गई है। 11% सीएजीआर पर लेनदेन का मूल्य 1962 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 3659 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसके अतिरिक्त, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पिछले 5 महीनों (अप्रैल-अगस्त) में, कुल लेनदेन मूल्य बढ़कर 1669 लाख करोड़ रुपये हो गया है”।
विश्व स्तर पर बढ़ेगा भारत का दबदबा
मालूम हो कि इस वक्त 7 देशों में UPI का चलन 7 देशों में है। जिसमें यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल,श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस जैसे फेमस बाजार शामिल है। गौतरतलब है कि इसके जरिए भारतीय उपभोक्ता और व्यवसाय विश्व स्तर पर भुगतान कर सकते है और प्राप्त भी कर सकते है। मालूम हो कि UPI लेने देन में भारत अभी भी नंबर-1 है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में भारत का विश्वस्तर पर दबदबा बढ़ेगा, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा सरकार दूसरे देश में भी यूपीआई लागू करने की योजना बना रही है। जिससे विदेशी बाजार में भी भारत अपनी पकड़ मजबूत कर सकेगा।