Air India-Vistara Merger: टाटा ग्रुप की एयरलाइंस विस्तारा (Vistara) का वजूद जल्द ही खत्म होने वाला है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने शुक्रवार को कुछ शर्तों के अधीन एयर इंडिया और विस्तारा के प्रस्तावित विलय को मंजूरी दे दी है। यह विकास टाटा समूह के लिए अपने विमानन व्यवसाय को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
CCI ने मर्जर डील को दी मंजूरी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में CCI ने शुक्रवार को कहा कि उसने विलय को मंजूरी दे दी है। CCI ने लिखा, “सी-2023/04/1022- सीसीआई ने टाटा एसआईए एयरलाइंस के एयर इंडिया में विलय और पार्टियों द्वारा प्रस्तावित स्वैच्छिक प्रतिबद्धताओं के अनुपालन के अधीन एयर इंडिया में सिंगापुर एयरलाइंस द्वारा कुछ शेयरधारिता के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है।
पिछले साल हुई थी विलय की घोषणा
दरअसल, विस्तारा और एयर इंडिया पूर्ण-सेवा वाहक हैं जो टाटा समूह का हिस्सा हैं और सिंगापुर एयरलाइंस की विस्तारा में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पिछले साल नवंबर में टाटा समूह ने एक सौदे के तहत एयर इंडिया के साथ विस्तारा के विलय की घोषणा की थी। जहां सिंगापुर एयरलाइंस भी एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। यह सौदा भारत के तेजी से बढ़ते विमानन क्षेत्र में एक बड़े समेकन का प्रतीक होगा।
एयर इंडिया को होगा बड़ा फायदा
प्रस्तावित संयोजन के लिए एयर इंडिया ने इस साल अप्रैल में CCI से मंजूरी मांगी थी। संयोजन के पक्षकार हैं टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल), एयर इंडिया लिमिटेड, टाटा एसआईए एयरलाइंस लिमिटेड (टीएसएएल) और सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड। यह सौदा एयर इंडिया को देश का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय वाहक और दूसरा सबसे बड़ा घरेलू वाहक बना देगा।
CAPA इंडिया के अनुसार, विलय के बाद अगले छह वर्षों में एयर इंडिया का आकार बढ़ने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, गुणवत्ता और वैश्विक नेटवर्क में उल्लेखनीय सुधार होने का भी अनुमान है। अगर ऐसा हुआ तो टाटा की एयरलाइंस आने वाले दिनों में 50% वैश्विक हिस्सेदारी हासिल कर सकती है।
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