Supreme Court: न्यायपालिका और सरकार के बीच खींचतान के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की नियुक्ति को स्वीकृति मिल गई है। इस नियुक्ति के बाद अब सर्वोच्च अदालत में जजों की कुल संख्या 32 हो जाएगी। इससे पहले भी हाई कोर्ट के तीन मुख्य न्यायाधीशों और दो जजों के नाम सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए भेजे गए थे। केंद्र सरकार के द्वारा चुने हुए सभी जज 6 फरवरी को शपथ लेंगे। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की तरफ से इन जजों की नियुक्ति को लेकर पिछले साल 13 दिसंबर को सिफारिश की गई थी। वहीं कुछ समय पहले जजों के पैनल कॉलेजियम की एक सिफारिश को लेकर केंद्र की सलाह को दरकिनार करने के बाद कार्यपालिका और न्यापालिका के बीच टकराव की खबरें आईं थी। ऐसे में अब कार्यपालिका और न्यापालिका के बीच यह टकराव खत्म हो गया है। चलिए अब इन पांच जजों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा
पांच जजों में न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने 12 दिसंबर 1988 को एक वकील के रूप में अपना पंजीकरण करवाया था। इससे पहले मनोज मिश्रा ने 1988 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की। इसके अलावा उन्होंने यहीं से हाईकोर्ट में दीवानी, राजस्व, आपराधिक और संवैधानिक पक्ष के क्षेत्र में काम करना भी शुरू किया। 21 नवंबर 2011 को उन्हें अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत मिली। वहीं साल 2013 में उन्होंने स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
न्यायमूर्ति पंकज मित्तल
न्यायमूर्ति पंकज मित्तल ने भी 1985 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी। पंकज मित्तल ने वर्ष 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और मेरठ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री ली है। जनवरी 2021 में न्यायमूर्ति पंकज मित्तल को जम्मू कश्मीर के मुख्य न्यायधीश के रूप में पदोन्नति मिली थी।
न्यायमूर्ति संजय करोल
न्याय मूर्ति संजय करोल पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके है। अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया है। 11 नवंबर 2019 को उन्हें पटना हाईकोर्ट में नियुक्त किया गया था। इससे पहले उन्होंने त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी काम किया है।
न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार
पीवी संजय कुमार मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में काफी समय तक काम किया है। उनके पिता रामचंद्र रेड्डी आंध्र प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता रह चुके हैं।
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह भी पटना के जाने – माने न्यायाधीश में से एक है। 20 जून 2011 को पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति मिली थी।
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