Heatwave: गर्मी का प्रकोप धीरे – धीरे बढ़ता जा रहा है। मई का महीना शुरू होने में भी बस कुछ ही दिन शेष है। ऐसे में आसमान से निकलने वाली धूप भी आग की तरह लग रही है। वहीं बढ़ रहे तापमान की वजह से हीटस्ट्रोक के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं। हीटवेव को लेकर एक स्टडी की गई। इस स्टडी में कई तरह के खुलासे हुए हैं।
इस स्टडी में हुए खुलासे में ये बताया गया है कि हीटवेव भारत में और भी ज्यादा गंभीर होता जा रहा है और इसके पीछे क वजह है कि यहां पर समय से पहले जलवायु परिवर्तन हो रहा है। आज देश के 90 प्रतिशत से अधिक हिस्से इस हीटवेव की चपेट में हैं। इस स्टडी में बताया गया है कि इसकी वजह से सबसे ज्यादा खतरा राजधानी दिल्ली के लोगों को है। यह हीटवेव स्टडी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में रामित देबनाथ और उनके सहयोगियों के द्वारा की गई थी।
हीटवेव को लेकर ये हुआ खुलासा
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के द्वारा किए गए इस केस स्टडी में पता चला है कि देश की राजधानी दिल्ली सबसे ज्यादा इसकी चपेट में है। इस स्टडी के द्वारा ये बताया गया है कि इसने भारत की प्रगति को काफी नुकसान पहुंचाया है। भारत जहां संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा था वहीं इस हीटवेव की वजह से भारत का बहुत नुकसान हुआ है।
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ये हैं अभी तक के मौत के आंकड़े
हीटवेव लगातार देश के लिए अब खतरा बनता जा रहा है। मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के पूर्व सचिव एम राजीवन ने इससे मरने वाले लोगों के आंकड़े जारी किया है। इस आंकड़े में यह बताया गया है कि भारत में पिछले 50 सालों में 17000 से भी ज्यादा लोगों की मौत इस हीटवेव की वजह से हुआ है। वहीं साल 2021 में एक न्यूज पेपर ने ये जानकारी दिया था कि 1971 से लेकर साल 2019 तक 706 लोगों की जान इस हीटवेव की वजह से गई है। अभी कुछ समय पहले महाराष्ट्र सरकार के द्वारा पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में भी बताया जा रहा है किहीटस्ट्रोक से तेरह लोगों की मौत हो गई थी।
भारत के लिए है बड़ा खतरा
हीटवेव भारत के लिए बड़ा मुसीबत बन चूका है। इस केस स्टडी में ये पता चला है कि देश का 90% हिस्सा इसकी चपेट में है। देश में जब भी गर्म हवाएं चलती हैं तो यहां का मानसून इस हवाओं को खत्म करने में भी काफी समय लगा देता है। वहीं देश की राजधानी दिल्ली में इसके बढ़ने के पीछे प्रदूषण का होना बताया जा रहा है।