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‘सत्ता का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं..,’ Bulldozer Action पर Supreme Court का सख्त रुख! सरकार को सुनाई खरी खोटी; पढ़ें रिपोर्ट

SC on Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज बुलडोजर एक्शन पर फैसला सुनाते हुए बड़ी लकीर खींच दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर कई सख्त टिप्पणी कर विभिन्न राज्य सरकारों को खरी खोटी सुनाई है।

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SC on Bulldozer Action
प्रतीकात्मक तस्वीर

SC on Bulldozer Action: देश के अलग-अलग राज्यों में बुलडोजर एक्शन के तहत न्याय की नई परिभाषा गढ़ने वाले सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज बुलडोजर एक्शन पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि सत्ता का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं होगा। बुलडोजर एक्शन (SC on Bulldozer Action) ये दिखाता है कि कानून का भय नही के बराबर हो गया है।

देश में कानून का राज होना चाहिए। जब आरोपी एक है तो पूरे परिवार को सजा क्यों? सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बुलडोजर एक्शन मामले में अधिकारियों की जवाबदेही तय कराई जाएगी। जिम्मेदार अधिकारी बख्से नहीं जाएंगे। इसके अलावा भी कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Action) को लेकर कई अहम टिप्पणी की है की है जिसको लेकर सुर्खियां बन रही हैं।

SC on Bulldozer Action- ‘बुलडोजर एक्शन पर नजर रखेगा सुप्रीम कोर्ट’

जस्टिस बीआर गवई (Justice BR Gavai) की अध्यक्षता वाली बेंच ने देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे ‘बुलडोजर एक्शन’ के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाते हुए एक रेखा खींच दी है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्पष्ट किया गया है कि “अब बुलडोजर एक्शन पर हमारी नजर रहेगी।” फैसला सुनाने वाली बेंच सवालिया अंदाज में विभिन्न राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा है कि “आरोपी की सजा पूरे परिवार को क्यों दिया जा रहा? अफसर मनमाने तरीके से काम कैसे कर सकते हैं? देश में कानून का राज है या नहीं?”

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन (SC on Bulldozer Action) के लिए एक मापदंड भी तय किया है। कोर्ट की ओर से स्पष्ट किया गया है कि “बुलडोजर एक्शन से 15 दिन पहले नोटिस भेजना जरुरी होगा। ध्यान रखें कि नोटिस निर्माण कार्य पर चस्पा हो। एक डिजिटल पोर्टल बनाकर वहां सभी नोटिस को विधिवत संलग्न किया जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ और गलत कार्रवाई की गई तो जिम्मेदार अधिकारी पर एक्शन लिया जाएगा।”

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दाखिल की थी याचिका

इस्लामी संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने देश में हो रहे बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की थी। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अलावा कई अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से भी इस मामले को कोर्ट के समक्ष रखा गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने बीते 17 सितंबर को ही बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Action) से जुड़े मामले में सुनवाई करते हुए इसे असंवैधानिक बताया था और फैसला सुरक्षित रखा था। अब अंतत: कोर्ट ने आज यानी 13 नवंबर को बुलडोजर एक्शन पर अपना फैसला सुनाते हुए इसके लिए एक नया मापदंड बनाया है और अनावश्यक कार्रवाई रोकने की बात कही है।

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