Aditya L1 Mission: देश का पहला सूर्य मिशन यानी आदित्य एल1 (Aditya L1 Mission) जल्द ही अपनी मंजिल तक पहुंचने वाला है। इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बताया है कि अंतरिक्ष यान सूरज और पृथ्वी के बीच गुरुत्वाकर्षण संतुलन का बिंदु लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) के करीब हेलो कक्षा में प्रवेश कर गया है। आपको बता दें कि अंतरिक्ष यान अपने सफर के लास्ट स्टेज पर है, जो कि अंतरिक्ष के शून्य से 15 लाख किलोमीटर से ज्यादा फैला हुआ है। इसरो ने इसी साल 2 सितंबर को आदित्य एल1 मिशन को लॉन्च किया था।
सबसे मुश्किल चरण में होने वाला है मिशन का प्रवेश
बताते चले कि एल1 में एंट्री लेना इस मिशन का सबसे मुश्किल काम है। इस दौरान बेहतर नेविगेशन और कंट्रोल जरूरी है। बताया जा रहा है कि एल1 पाइंट की ओर अंतरिक्ष यान का ट्रांसफर होने से पहले उसने पृथ्वी की 4 कक्षीय गतिविधियों को पार किया है। यही वजह है कि इसे मिशन का सबसे मुश्किल चरण माना जा रहा है।
अपनी मंजिल पर कब पहुंचेगा आदित्य एल1
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा है कि आदित्य को 6 जनवरी 2024 को एल1 पाइंट से इंसर्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके समय का आंकलन कर पाना मुश्किल है, परंतु ये 6 जनवरी को ही इस पाइंट से मिलेगा।
कहां पर है आदित्य एल1 पाइंट
आपको बता दें कि आदित्य एल1 यानी लैंग्रेज पाइंट पृथ्वी और सूर्य के बीच में मौजूद है। ये जगह धरती और सूर्य दोनों से 15 लाख किलोमीटर दूर है। ये वो जगह है, जहां पर ग्रह और तारों का गुरुत्वाकर्षण संतुलन बराबर है। इस लैंग्रेज पाइंट सूर्य सही से नजर आएगा। ऐसे में सूर्य की रिसर्च करने के लिए ये पाइंट सही जगह है।
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