Rahul Gandhi: महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव को हुए कुछ 2 महीने से ज्यादा हो गए। हालांकि, कांग्रेस (Congress) पार्टी का घाव अभी ताजा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि कांग्रेस हरियाणा (Haryana) में करीबी अंतर से चूक गई तो, वहीं महाराष्ट्र में पार्टी को करारी हार मिली थी। वर्ष 2024 में हुए इन दो राज्यों के विधानसभा चुनाव ने Rahul Gandhi के Congress की साख पर थोड़ा डेंट डाला है। इन चुनावों के बाद राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं के बीच बैठकों का खूब दौर चला।
हार के कारण को लेकर मंथन किया गया। अब निष्कर्ष क्या निकला ये पार्टी आलाकमान ही जाने, लेकिन ये स्पष्ट है कि 2025 कांग्रेस के लिए बेहद अहम है। वर्ष 2025 में राजधानी दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन दोनों विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2025) के लिए राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल समेत अन्य कई शीर्ष नेता लगातार समीकरण साध रहे हैं। कहा जा रहा है कि वर्ष 2025 में कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत कुछ दांव पर है। ऐसे में आइए हम आपको विस्तार से सब कुछ बताने की कोशिश करते हैं।
वर्ष 2025 में Rahul Gandhi की Congress के लिए कितना कुछ दांव पर?
वर्ष 2025 चुनावी दृष्टिकोण से बेहद अहम है। इसी वर्ष देश की राजधानी दिल्ली और बिहार में विधानसभा के चुनाव होने हैं। दिल्ली की बात करें तो कभी ये कांग्रेस का गढ़ रहा है। एक दौर था जब कांग्रेस (Congress) की दिवंगत नेत्री शीला दीक्षित लगातार 15 वर्षों (1998-2013) तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के उदय और केन्द्र में NDA की वापसी के बाद कांग्रेस के हाथों से दिल्ली की सत्ता भी छिन गई। 2014, 2019 और 2024 लोकसभा चुनाव में दिल्ली की किसी भी लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर कोई प्रत्याशी नहीं जीत सका है। ऐसे में यदि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की कांग्रेस को अपनी पुरानी धाक हासिल करनी है तो दिल्ली फतह करना होगा।
बिहार की बात करें तो 1990 से पहले यहां कांग्रेस का बोलबाला था। उस दौर में कांग्रेस ने बिहार के विभिन्न चुनावों में विजय परचम लहराए थे। हरिहर सिंह, दरोगा प्रसाद राय, केदार पांडे, जगन्नाथ मिश्रा, अब्दुल गफूर, बिंदेश्वरी दूबे, चंद्रशेखर सिंह और भगवत झा आजाद जैसे दिग्गज कांग्रेस के नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने में सफल रहे थे। हालांकि, ये दशकों पुरानी बात है। जब से बिहार में जनता पार्टी का उदय हुआ और लालू यादव, नीतीश कुमार समेत अन्य नेता क्षेत्रीय दलों के साथ प्रभाव में आए, तभी से कांग्रेस का पतन शुरू हो गया। वर्तमान स्थिति ये है कि कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ महागठबंधन का हिस्सा है और लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव में अपनी सियासी पृष्ठभूमि पाने के लिए संघर्षरत है।
ऐसे में दिल्ली हो या बिहार विधानसभा का चुनाव, कांग्रेस की साख एक बार फिर दांव पर होगी। अब देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की पार्टी इन दोनों जगहों पर कितना कुच हासिल कर पाती है।
वर्ष 2024 में Congress को मिली थी करारी हार!
कांग्रेस के लिए वर्ष 2024 बेहद अहम माना जा रहा था। पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में सभी को चौंकाते हुए 99 सीट पर कब्जा जमाया था। हालांकि, इसके ठीक बाद कांग्रेस को आंध्र प्रदेश, सिक्किम और ओडिशा में करारी हार मिली। इन तीनों राज्यों की कई सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई। इसके बाद पार्टी हरियाणा में भी BJP से हार गई। इसके पीछे आंतरिक कलेश और स्थानीय व शीर्ष नेतृत्व में संतुलन बेहतर न होने को कारण बताया गया।
हरियाणा के बाद कांग्रेस को महाराष्ट्र में भी बुरी तरह से हार मिली थी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने 100 से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जबकि सिर्फ 16 सीट पर ही कांग्रेस को जीत मिली। पार्टी चीफ नाना पटोले खुद बड़ी मशक्कत से महज 208 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। महाराष्ट्र के साथ ही झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत मिली और कांग्रेस अभी JMM के साथ सरकार का हिस्सा है। ऐसे में 2024 में कुछ पाकर, कुछ खोकर कांग्रेस एक बार फिर 2025 के लिए तैयार हो रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि 2025 में राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी को क्या कुछ हासिल होता है?