Ajit Pawar: कहते हैं सियासत में किसी भी संभावनाों को नकारा नहीं जा सकता है। इस वाकये को महाराष्ट्र की सियासत ने बीते महीनों ही शत प्रतिशत सत्य साबित किया है। तमाम उठा-पटक के बाद अंततः शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने शिंदे सरकार को अपना समर्थन देकर राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने का निर्णय लिया था। अब इस क्रम में अजीत पवार का एक और बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि आज मेरे पास वित्त विभाग की ज़िम्मेदारी है, कल रहेगी या नहीं बता नहीं सकते। पवार जूनियर के इस बयान से महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर अटकलों का बाजार गरम हो गया है और कई तरह की संभावनाएं जताई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि क्या एक बार फिर सूबे में राजनीतिक दलों का उलटफेर देखने को मिल सकता है?
दरअसल अजीत पवार बीते दिन बारामती में सहकारिता से जुड़े एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि आज हम सरकार का हिस्सा हैं और मेरे पास वित्त विभाग की ज़िम्मेदारी है, कल रहेगी या नहीं बता नहीं सकते। पवार के इस बयान के कई राजनीतिक मायने भी बताए जा रहे हैं।
महाराष्ट्र में एक बार फिर शुरु हुआ अटकलों का दौर
बता दें कि महाराष्ट्र में बीते कुछ वर्षों में खूब सियासी उठा-पटक देखने को मिली है। इस क्रम में पहले एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से निकलकर अपने समर्थकों के साथ भाजपा से गठबंधन कर सरकार बनाई। इसके बाद से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कद्दवार नेता अजित पवार ने भी चाचा शरद पवार को छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर दावा ठोक दिया और अपने समर्थकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए। इस दौरान उन्हें सरकार में अहम महकमों की जिम्मेदारी दी गई जिसमें वित्त मंत्रालय खास है।
इसको लेकर अब अजित पवार का बयान सामने आया है तो इसके कई तरह के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक टिप्पणीकार ये भी तह रहे हैं कि क्या पवार के मन में एक बार फिर कुछ चल रहा है? वहीं इसके साथ ही ये भी अटकलें चल रही हैं कि क्या महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर उलटफेर देखने को मिल सकता है?
अमित शाह के मुंबई दौरे पर भी अनुपस्थित थे अजित पवार
बीते शनिवार को अमित शाह मुंबई के दौरे पर थे जहां उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय और सहकार भारती द्वारा आयोजित ‘लक्ष्मणराव इनामदार स्मृति व्याख्यान’ कार्यक्रम को संबोधित किया। शाह के इस दौरे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उनके साथ नजर आए। इस कार्यक्रम के बाद अमित शाह सीएम शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के आवास पर गणपति जी के पूजन-अर्चन कार्यक्रम में भी पहुंचे। इसके बाद से लगातार अटकलें लगाई जानें लगीं कि अजीत पवार क्यों गृह मंत्री के साथ नही हैं। इसके अलग-अलग सियासी मायने भी लगाए गए।
हालाकि इस अनुपस्थिति पर अजित पवार ने बीते दिन बयान जारी कर कहा कि हमने अमित शाह को अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था। इसके बावजूद भी केन्द्रीय गृह मंत्री के दौरे पर अजित पवार के शामिल ना होने से सियासत से जुड़ी कई अटकलें लगाई जा रही हैं।
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