Allahabad High Court: सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। Allahabad High Court ने बढ़ते धर्मांतरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। और आगाह किया है कि अगर ऐसी ही स्थिति जारी रही तो देश की बहुसंख्यक आबादी एक दिन अल्पसंख्यक बन जाएगी। जानकारी के मुताबिक बड़ी संख्या में धर्मांतरण किया जा रहा है, जहां हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित किया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने आरोपी कैलाश की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। मालूम हो कि कैलाश पर अवैध रूप में धर्मपरिवर्तन कराने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। यह याचिका रामकली प्रजापति ने दायर की थी। एफआईआर में कहा गया था कि उसके भाई रामफल को कैलाश घर से दिल्ली एक समाजिक समारोह में भाग लेने के लिए 7 दिनों के लिए ले गया था। लेकिन 7 दिन बाद भी रामफल वापस नहीं आया।
बता दें कि रामफल मानसिक रूप से बिमार है। जब कैलाश वापस लौटा तो वह गांव के और लोगों को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में ले गया, जहां सभी को कथित तौर पर ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया। एफआईआर के अनुसार रामफल को धर्मांतरण के बदले पैसे दिए गए थे।
कोर्ट ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा कि यदि इस प्रक्रिया को चलाने की अनुमति दी गई तो इस देश की बहुसंख्यक आबादी एक दिन अल्पसंख्यक हो जाएगी और ऐसे धार्मिक जमावड़े को तुरंत रोका जाना चाहिए, जहां धर्मांतरण हो रहा है और भारत के नागरिकों का धर्म बदल रहा है। वहीं इलाहाबाद हाइकोर्ट ने ऐसी प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाने के आदेश दिए है। कोर्ट ने आगे कहा कि अनुच्छेद 25 में कहा गया है कि व्यक्ति कुछ प्रतिबंधों के अधीन किसी भी धर्म में विश्वास करने, पूजा करने और अपने धर्म का प्रचार करने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन प्रचार का मतलब धर्म को बढ़ावा देना और इसका मतलब किसी व्यक्ति को उसके धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तित करना नहीं है।