Gyanvapi Survey: पिछले कुछ समय से ज्ञानवापी सर्वे को लेकर कई विवाद छिड़े थे। ऐसे में आज यानी गुरुवार को ये साबित हो जाएगा कि, ज्ञानवापी में सर्वे कराया जाएगा कि नहीं। दरअसल ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। इससे पहले जब जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे को लेकर हरी झंडी दिखाई थी जिसके बाद हिंदू पक्ष में उत्साह की लहर देखने को मिली थी।
मुस्लिम पक्ष ने दी है चुनौती
कोर्ट के आदेशों के बाद ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का काम भी एएसआई ने तुरंत शुरू कर दिया था लेकिन सर्वे पूरा होने से पहले ही मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर सर्वे पर रोक लगा दी। दरसअल मस्जिद कमेटी ने जिला अदालत के परिसर के एएसआई सर्वे कराए जाने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। ऐसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट आज इस मामले में अपना फैसला सुना सकता है। ऐसा बताया जा रहा है कि, 3 अगस्त को दोपहर 2 बजे चीफ जस्टिस कोर्ट में फैसला सुना सकते हैं। साथ ही ये भी बता दें कि, दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें कोर्ट में पेश कर दी है।
मुस्लिम पक्ष की दलीलें
ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष ने दलितों को पेश करते हुए कहा कि, एएसआई ने इस मामले में इतनी तेजी क्यों दिखाई ? जिला जज के आदेश के कुछ घंटे बाद ही एएसआई की टीम वाराणसी पहुंच गई। उन्होंने आगे कहा कि, सुर्वे ज्ञानवापी के मूल स्वरूप को नुकसान हो सकता है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों को कहा था कि, मुकदमा सुनने लायक है अथवा नहीं? इससे आगे बढ़कर सर्वे कराने का फैसला दे दिया गया। 1991 प्लेसेस ऑफ वर्कशिप एक्ट के तहत केस सुनवाई लायक है ही नहीं। निचली अदालत ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर फैसला दिया है।
हिंदू पक्ष की दलीलें
वही हिंदू पक्ष ने इस मामले को लेकर अपनी दलीलों में कहा कि, राम जन्मभूमि में भी ऐसा सर्वे हुआ था। वहां पर कोई नुकसान किसी तरह का नहीं हुआ मुस्लिम पक्ष सर्वे से क्यों डर रहा है ? सच्चाई सामने आने क्यों नहीं देना चाहता। एएसआई सुर्वे होने से सच्चाई सामने आ जाएगी। एएसआई ने भी सर्वे को लेकर ना सिर्फ सहमति दी है बल्कि यह भी साफ किया है कि इससे ढांचे को कोई नुकसान नहीं होगा।
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