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Amarnath Yatra 2024: सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के बीच शुरू होगी बाबा बर्फानी की यात्रा, जानें क्या है प्रशासन की तैयारी?

Amarnath Yatra 2024: श्रीनगर के उत्तर-पूर्व में स्थित बाबा बर्फानी की तीर्थयात्रा, भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 29 जून से प्रारंभ होगी। इस बीच तीर्थयात्रा को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।

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Amarnath Yatra 2024
फाइल फोटो- प्रभु बाबा बर्फानी (प्रतीकात्मक)

Amarnath Yatra 2024: कश्मीर के उत्तर-पूर्व में स्थित पवित्र तीर्थस्थल बाबा बर्फानी की यात्रा भारी सुरक्षा के बीच 29 जून से शुरू होगी। इसको लेकर प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, CRPF, ITBP और अन्य अर्धसैनिक बलों के हजारों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2024) के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था भी रवाना हो चुका है। इस दौरान उधमपुर में स्थानिय लोगों ने तीर्थयात्रियों का स्वागत कर उन्हें सम्मानित किया है।

क्या है प्रशासन की तैयारी?

बाबा अमरनाथ की पवित्र तीर्थयात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर के साथ केन्द्रीय प्रशासन की टीम भी पूर्णत: तैयार है। इस पवित्र को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंजाम किए गए हैं।

उधमपुर के एसएसपी जोगिंदर सिंह का कहना है कि “बाबा बर्फानी की यात्रा के बीच खतरे की आशंका तो है। लोगों ने देखा है कि पिछले कुछ दिनों में 5 आतंकवादी मारे गए हैं। उधमपुर में सुरक्षा की त्रिस्तरीय व्यवस्था है और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, सीआरपीएफ और सेना मिलकर काम कर रहे हैं।”

कठिन मार्ग से गुजरेंगे तीर्थयात्री

बाबा बर्फानी की तीर्थयात्रा के लिए निकले श्रद्धालु बेहद कठिन मार्ग को पार कर, यात्रा पूरी कर सकेंगे। प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक यात्रियों के लिए अनंतनाग में पारंपरिक 48 किमी लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल में 14 किमी छोटा लेकिन कठिन बालटाल मार्ग यात्रा रूट को सुनिश्चित किया गया है। प्रशासन का कहना है कि इन दोनों मार्गों के सहारे बाबा बर्फानी की यात्रा पूर्ण की जा सकेगी।

पंजीकरण के लिए खास इंतजाम

अमरनाथ यात्रा के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के पंजीकरण को लेकर भी प्रशासन पूरी तरह से सजग नजर आ रहा है। जानकारी के मुताबिक सामान्य तीर्थयात्रियों की सुविधा को देखते हुए शालीमार इलाके में पंजीकरण केंद्र स्थापित किया गया है। वहीं पुरानी मंडी स्थित राम मंदिर परिसर में साधुओं के पंजीकरण के लिए विशेष शिविर स्थापित किया गया है। प्रशासन का कहना है कि पीकरण की ये सुविधा गैरपंजीकृत तीर्थयात्रियों के लिए दी जा रही है जिससे कि उनकी यात्रा सुगम हो सके।

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