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क्या पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने जम्मू-कश्मीर में हालात बदल दिए? जानें HM की AFSPA पर प्रतिक्रिया

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Amit Shah on Jammu and Kashmir
Amit Shah

Amit Shah on Jammu and Kashmir: केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को हटाने पर विचार कर रही है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारी योजना सैनिकों को जम्मू कश्मीर से वापस बुलाने की है, साथ ही कानून व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी जम्मू कश्मीर पुलिस पर छोड़ने की है। लेकिन क्या आप जानते है कि (AFSPA) क्या है? क्या मोदी सरकार जम्मू कश्मीर में शांति कायम करने में कामयाब रही? चलिए आपको बताते है सारी जानकारी।

केंद्र सरकार का जम्मू कश्मीर से AFSPA हटाने पर विचार

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को हटाने पर विचार कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में 70 फीसदी इलाकों से एएफएसपीए हटा दिया गया है, हालांकि यह जम्मू-कश्मीर में लागू है। अमित शाह ने बताया कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर से (AFSPA) हटाने के बाद पूरी जिम्मेदारी जम्मू कश्मीर को दे दी जाएगी। केंद्र सरकार मान रही है कि जम्मू कश्मीर में आतंकियों का मूवमेंट कम हुआ है। आंकड़े के मुताबिक आतंकवाद में 80 फीसदी कमी आई है। वहीं पत्थरबाजी की घटनाएं पूरी तरह खत्म हुई है।

क्या है AFSPA?

AFSPA सशस्त्र बलों के उन जवानों को विशेष अधिकार देता है जो अशांत क्षेत्रों में काम कर रहे है। सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव के लिए अगर उन्हें जरूरत पड़ती है तो वह तलाशी, गिरफ्तारी या गोली चला सकते है। AFSPA तब लागू किया जाता है जब उग्रवाद या विद्रोह का कोई मामला होता है और भारत की क्षेत्रीय अखंडता खतरे में होती है। वहीं सुरक्षा बल किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकते हैं, जिसने उचित संदेह के आधार पर भी संज्ञेय अपराध किया है या करने वाला है। यह सुरक्षा बलों को अशांत क्षेत्रों में उनके कार्यों के लिए कानूनी छूट भी प्रदान करता है। गौरतलब है कि AFSPA को डिस्टर्ब क्षेत्रों में लागू किया जाता है।

आर्टिकल -370 हटने के बाद का जम्मू कश्मीर

जम्मू कश्मीर में आर्टिकल -370 के हटे हुए करीब 5 साल हो गए है। वहीं आर्टिकल -370 हटने के बाद लोगों के राजनीतिक अधिकार बहाल हुए हैं, अब लोग संविधान के अधिकारों का लाभ उठा सकते हैं। बता दें कि आर्टिकल -370 हटने के बाद केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने सात नए मेडिकल कॉलेजों का संचालन किया है। जबकि एम्स जम्मू को चालू कर दिया गया है। एक आंकडे़ के मुताबिक पिछले 2 सालों में यहां 151 रोजगार मेले भी आयोजित किए गई है। सबसे बड़ी बात है कि सरकार और सुरक्षाबलों की मदद से जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियां काफी कम हो गई है। जिससे वहां के लोग शांति से जीवनयापन कर रहे है।

पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर का किया था दौरा

बता दें कि आर्टिकल -370 हटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह पहला कश्मीर दौरा था। इस दौरान समग्र कृषि विकास कार्यक्रम के तहत पीएम मोदी ने 6400 करोड़ रुपए के 53 प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि ये वो नया जम्मू-कश्मीर है, जिसका इंतजार हम सभी को कई दशकों से था।

पिछले 10 सालों में कितना बदला जम्मू कश्मीर?

गौरतलब है कि पिछले 10 सालों में जम्मू कश्मीर में काफी बदलाव आया है। अगर हम आज से 5-7 साल पहले कि बात करें तो आए दिन कश्मीर में अलग अलग जिलों में आतंकवादी हमले होते थे। कई इलाकों में तो सुरक्षाबलों को आतंकियों को ढूंढने में काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। इसके अलावा सुरक्षाबलों पर पथराव भी होते रहते थे। वहीं अगर आज की बात करें तो कश्मीर में पूरी तरह से शांति बहाल हो गई है। जम्मू कश्मीर में आतंकियों का मूवमेंट कम हुआ है, एक आंकड़े के मुताबिक आतंकवाद में 80 फीसदी कमी आई है। वहीं पत्थरबाजी की घटनाएं पूरी तरह खत्म हुई है।

पूर्वोतर राज्यों में लागू किया गया था AFSPA

बता दें कि AFSPA को पूर्वोतर राज्यों एक सितंबर 1958 को में लागू किया गया था। वहीं साल 2015 में इसे त्रिपुरा से हटा लिया गया था। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री शाह ने अपने बयान में कहा था कि पूर्वोत्तर राज्यों में 70 प्रतिशत क्षेत्रों में AFSPA हटा दिया गया है।

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