AMU News: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। बता दें कि देश के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के एक सौ तीन सालों के इतिहास में पहली बार ऐसा होने वाला है, कि विश्वविद्यालय को महिला वाइस चांसलर मिलने की उम्मीद है।
AMU को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी का इंतजार
ऐसे में अगर AMU के प्रस्ताव को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल जाती है। तो फिर यह फैसला ऐतिहासिक माना जाएगा। वैसे इस संभावित फैसले को लेकर अभी से मुस्लिम बुद्धिजीवियों का एक गुट विरोध में आ गया है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक्जीक्यूटिव काउंसिल मतलब कार्य परिषद की बैठक में जो हुआ उसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी। बता दें कि इस बैठक में हुए फैसले से देश के मुस्लिम समाज में एक बड़ा संदेश जा सकता है। जहां आज भी इस तबके के बड़े नेता और रहनुमा हिजाब की वकालत करते हैं। ऐसे में अलीगढ़ यूनिवर्सिटी जैसे शिक्षण संस्थान में महिला चांसलर की रेस में एक महिला का नाम सबसे आगे आया है। जिसकी महिला चांसलर बनने की संभावना बहुत ज्यादा दिख रही है।
इतने लोगों के नाम पद के लिए आए हैं सामने
बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक 30 अक्टूबर को हुई। काउंसलिंग में राष्ट्रपति की तरफ से मनोनीत दो सदस्य और यूपी के राज्यपाल की तरफ से मनोनीत एक सदस्य शामिल होते हैं। इसके अलावा काउंसिल में एएमयू के टीचर एसोसिएशन की तरफ से चार प्रोफेसर, डीन, प्रोवोस्ट और कॉलेज के प्रिंसिपल शामिल होते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक सोमवार को करीब 3 घंटे तक चली। इस मीटिंग का मुख्य एजेंडा एएमयू का नया वाइस चांसलर तय करना था। काउंसलिंग का काम इस पद के लिए 5 लोगों का चयन करना है। पहली बार इस पैनल में एक महिला का नाम सामने आया है। वह प्रोफेसर नईमा गुलरेज है, जो AMU की महिला कॉलेज की प्रिंसिपल हैं। इसके अलावा प्रोफेसर फैजान मुस्तफा, प्रोफेसर कयूम हुसैन, प्रोफेसर फुरकान कमर और प्रोफेसर एम यू रब्बानी को भी वीसी पैनल के लिए चुना है।
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