Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनाव आयोग में आयुक्तों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम बनाए जाने के मामले पर अपना फैसला सुना दिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला देते हुए कहा कि चुनाव आयुक्तों को भी मुख्य निर्वाचन आयुक्त के समान सुरक्षा देनी चाहिए. साथ ही उन्हें सरकार की ओर से हटाया भी नहीं जा सकता है. न्यायालय ने अपने फैसले में नियुक्तियों के लिए एक कमेटी बनाने का भी आदेश दिया है. इसमें पीएम, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और मुख्य न्यायाधीश को शामिल किया गया है. साथ ही कहा कि अब मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति पीएम, सीजेआई और नेता प्रतिपक्ष की कमेटी ही करेगी.
बनाया जाएगा स्वतंत्र पैनल
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) और निर्वाचन आयुक्तों (EC) के लिए एक स्वतंत्र पैनल बनाया जाएगा. यह फैसला जजों की संविधान पीठ जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी, हृषिकेश रॉय, सीटी रविकुमार और अनिरुद्ध बोस की बेंच ने यह फैसला सुनाया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (SC) में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर एक याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
गलत तरीके से काम कर स्वतंत्र नहीं बता सकते
सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा कि एक निर्वाचन आयोग जो कानून के शासन की गारंटी नहीं देता है, वह लोकतंत्र के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि इसकी शक्तियों को अगर अवैध रूप से इस्तेमाल किया जाता है तो इसका राजनीतिक दलों के परिणाम पर प्रभाव पड़ता है. निर्वाचन आयोग को स्वतंत्र होना चाहिए. आयोग गलत तरीके से काम कर खुद को स्वतंत्र नहीं बोल सकते. उन्होंने आगे कहा कि एक स्वतंत्र व्यक्ति सत्ता में रहने वालों के लिए दास नहीं होगा.
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आयोग के माध्यम से एक नौकर…
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा Article 324 एक यूनिक बैकग्राउंड (Unique Background) है. अलग-अलग राजनीतिक दलों ने एक कानून पेश नहीं किया है. एक कानून मौजूदा कार्यपालिका की नियुक्तियों में पूर्ण अधिकार होने का स्थाईकरण नहीं हो सकता है. इसमें एक कमी है, जो कि याचिकाकर्ताओं ने पॉइंटआउट किया है. इसके साथ ही सर्वच्च न्यायालय ने कहा कि एक नौकर आयोग के माध्यम से वो पार्टी जो सत्ता में है, सत्ता में बने रहने की लालच रख सकती है.
पहले ऐसे होती थी नियुक्ति
मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई को दौरान अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने बताया कि चुनाव आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों के लिए सेक्रेटरी लेवल के अधिकारियों की एक लिस्ट तैयार की जाती है. लिस्ट तैयार करने के बाद इन नामों को पीएम और राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है. प्रधानमंत्री की ओर से स्वीकृत नाम को राष्ट्रपति अपनी मंजूरी दे देते हैं.
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