Anantnag Encounter: कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ हुए मुठभेड़ में देश के वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस क्रम में वीर सैनिकों का पार्थिव शरीर उनके पैतृक निवास पर ले जाया जा रहा है। इसी कड़ी में हरियाणा के पानीपत के गांव बिंझौल के रहने वाले वीर सैनिक आशीष धौंचक का पार्थिव शरीर भी उनके पैतृक निवास गांव बिंझौल में पहुंचने वाला है। यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इस अंतिम यात्रा में भारी तादाद में लोग पहुंचे हैं और नम आंखों से वीर सैनिक को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि वीर सैनिक के इस अंतिम यात्रा को पानीपत से 8 किमी दूर उनके पैतृक निवास तक लाया जाएगा जिसके बाद से उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ संपन्न होगा।
देश के लिए गर्व थे मेजर आशीष
यूं तो इस वीर सैनिक की शहादत से परिवार के साथ देश के हर नागरिक को पीड़ा पहुंची है। पर इसके साथ ही शहीद सैनिक के परिजनों को अपने बेटे पर गर्व है। शहीद मेजर आशीष की अंतिम यात्रा में उनका परिवार शामिल है। इस दौरान उनकी मां, पत्नी और बहन भी अंतिम यात्रा का हिस्सा बनी हैं। शहीद मेजर की मां भावुक हैं क्योंकि उन्होंने अपने बेटे को खोया है लेकिन मां को अपने बेटे पर गर्व जरुर होगा। वहीं बहन का कहना है कि मेरा भाई देश के लिए गर्व था। हमारे साथ देश के प्रत्येक नागरिक को उस पर गर्व है।
मेजर आशीष का परिवार और उनका कैरियर
मेजर आशीष 2012 में भारतीय सेना का हिस्सा बने थे। उनकी भर्ती भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुई थी। इसके बाद से उन्हें पदोन्नति मिली और वे 2018 में मेजर बने थे। परिवार में उनके मां-पिता, तीन बहने और पत्नी हैं। मेजर आशीष उन बहनों के इकलौते भाई थे। अब आशीष की शहादत से बहनों ने अपना इकलौता भाई भी खो दिया है। बता दें कि वर्ष 2015 में उनकी शादी जींद की रहने वाली ज्योति से हुई थी। मई महीनें में परिवार के एक निजी कार्यक्रम में उन्होंने शिरकत की थी इसके बाद से मेजर अपने परिवार से नहीं मिल सके थे।
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