Anti Rape Law: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या का मामला पूरी तरह से गरमाया हुआ है। बता दें कि डॉक्टर्स समेत कई राजनीतिक पार्टियां इसे लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। इसी बीच ममता सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर Anti Rape Law को पास कर दिया है। हालांकि इस दौरान ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा, वहीं अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस बिल के बाद रेप के मामलो में कमी आएगी?
क्या इस कानून के बाद रेप के मामलों में आएगी कमी?
भारी विरोध के बीच ममता सरकार द्वारा रेप कानून बिल को पास किया है। वहीं अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या इस कानून के लागू होने के बाद रेप के मामलों में क्या कमी आएगी। कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कानून को सही से लागू किया जाता है तो मामलों में कमी देखने को मिल सकती है। हालांकि यह तो आने वाले समय की बताएगा कि इस कानून से मामलों में कितनी कमी आती है।
बंगाल विधानसभा में पास हुआ एंटी रेप बिल
पश्चिम बंगाल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में ममता बनर्जी चारों तरफ से घिरती हुई नजर आ रही थी। इसी को देखते हुए ममता सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर Anti Rape Law सर्वसम्मित से पास कर दिया गया है। वहीं इस विधेयक का नाम अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024 दिया गया है। बता दें कि इस बिल का बीजेपी ने भी समर्थन किया है।
Anti Rape Law के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
Anti Rape Law कानून के तहत न्यूनतम सजा 3 साल से बढ़ाकर 7 साल कर दी गई है। कानून के तहत 7 से 10 साल तक सजा का प्रावधान है। इसके अलावा आरोपी को जुर्माना भी देना पड़ सकता है। नए कानून के तहत अगर बलात्कार की वजह से पीड़िता की जान चली जाती है तो कानून बलात्कार के दोषियों के लिए फांसी की सजा सुनिश्चित करती है। वहीं इस विधेयक के तहत रेप केस की जांच 36 दिनों के अंदर पूरी करने की बात कही गई है। पीड़िता का नाम उजागर करने पर ममता सरकार ने नए बिल में ऐसे लोगों को कम से कम 3 साल और अधिकतम 5 साल सजा और जुर्माने का प्रावधान कर दिया है।
बिल के बाद ममता बनर्जी ने क्या कहा?
बता दें कि Anti Rape Law पास होने के बाद ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि” हम चाहते थे कि केंद्र मौजूदा कानूनों में संशोधन करे और अपराधियों को कड़ी सजा और पीड़ितों को त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए कठोर धाराएं शामिल करे। केंद्र ने इसके लिए कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया। इसलिए हमने पहले कदम उठाया”। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में इस घटना के बाद से ही बीजेपी ममता सरकार पर हमलावर नजर आ रही है।