Arvind Kejriwal: ईडी ने 21 मार्च 2024 को आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित तौर पर दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया है। वहीं आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। लेकिन क्या आप जानते है कि 5 ऐसे दिग्गज नेता जिन्हें ईडी या सीबीआई की तरफ से गिरफ्तार कर लिया गया था। चलिए आपको बताते है कि उन 5 दिग्गज नेता के बारे में जिन्हें जेल की हवा खानी पड़ी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
गौरतलब है कि कथित शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च 2024 को ईडी ने उनके आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। बता दें कि ईडी ने केजरीवाल को पेश होने के लिए 9 समन भेजा था। लेकिन वह पेश नही हुए जिसके बाद ईडी की तरफ से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं आम आदमी पार्टी ने इसका सीधा आरोप बीजेपी पर लगाया है।
के कविता को भी ईडी ने किया गिरफ्तार
बता दें कि तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रेशेखर राव की बेटी कें कविता को कथित शराब घोटाला मामले में ईडी ने 15 मार्च 2024 को गिरफ्तार कर लिया था। मालूम हो की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के बाद के कविता को गिरफ्तार करने के बाद ईडी के अधिकारी उन्हें लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे। के कविता ने अपनी जमानत की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी जहां सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
संजय राउत को ईडी ने किया था गिरफ्तार
उद्धव ठाकरे के करीबी और शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत पर भी सीबीआई ने शिकंजा कसा था। बता दें कि संजय राउत को पिछले साल ईडी ने गिरफ्तार किया था। हालांकि कोर्ट ने उन्हें 3 महीने बाद सर्शत जमानत दे दी थी। राउत पर गोरे गांव में एक चॉल की जमीन की हेराफेरी का आरोप था।
आप नेता सजय सिंह को ईडी ने किया था गिरफ्तार
आम आदमी पार्टी के सांसद को भी प्रवर्तन निदेशालय ने बीते साल 4 अक्टूबर 2023 को कथित शराब घोटाला में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि आप नेता आतिशी ने केंद्र सरकार पर गिरफ्तारी को लेकर गंभीर आरोप लगाया था।
कथित शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया हुए थे गिरफ्तार
आपको बता दें पिछले साल 26 फरवरी 2023 को आप के बड़े नेता मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। कथित शराब घोटाला मामले में यह कार्रवाई की गई थी। सिसोदिया शराब नीति बनाने के समय आबकारी मंत्री और उप मुख्यमंत्री थे, उन्हीं के नेतृत्व में यह नीति बनाई गई थी।