Monday, December 23, 2024
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कथित शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal को बड़ी राहत, राउज एवेन्यू कोर्ट ने दी जमानत; जानें डिटेल

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Arvind Kejriwal: महिला अदालत में महिलाओं की सुरक्षा पर उठे सवाल! नारी सशक्तिकरण की दिशा में AAP सुप्रीमो की एक और पहल

Arvind Kejriwal: महिलाओं की सुरक्षा दिल्ली सरकार की प्रथम प्राथमिकता रही है। यही वजह है कि लगभग दशक भर से दिल्ली सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) ने महिलाओं की हित का ख्याल रखते हुए कई कदम उठाए हैं।

Delhi Assembly Election से पहले Arvind Kejriwal का मास्टरस्ट्रोक! महिलाओं को मुफ्त बस सेवा के बाद 2100 रुपए देने का वादा

Delhi Assembly Election: राजधानी में विधानसभा चुनाव से पहले 'मुफ्त' की गूंज सुनाई दे रही है। सत्तारुढ़ दल AAP ने इसी कड़ी में खास समीकरण साधते हुए बड़ा कदम उठाया है। आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने चुनाव (Delhi Assembly Election) से पहले ऐलान किया है कि दिल्ली में आप की सरकार बनी तो महिलाओं को प्रति माह 2100 रुपए उपलब्ध कराया जाएगा।

Arvind Kejriwal: राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत अर्जी मंजूर कर ली और उन्हें 1 लाख रुपये के जमानत बांड पर जमानत दे दी है। गौरतलब है कि यह अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है। केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनावों में प्रचार किए लिए जमानत प्रदान की थी। उसके बाद दो जून को उन्होंने समर्पण कर दिया था। वहीं अब इस खबर को सुनते ही आप के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

जमानत पर संजय सिंह ने क्या कहा?

राउज़ एवेन्यू कोर्ट द्वारा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत दिए जाने के बाद आप सांसद संजय सिंह का कहना है “ऐसे समय में अरविंद केजरीवाल का जेल से बाहर आना लोकतंत्र को मजबूत करने वाला है। यह दिल्ली के लोगों के लिए अच्छी खबर है ED के अब तक के बयान झूठ पर आधारित थे। ये केजरीवाल को फंसाने के लिए बनाया गया बेबुनियाद फर्जी केस है”।

पूरे देश के लिए मिल का पत्थर

राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत दिए जाने के बाद दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत देना पूरे देश के लिए एक मील का पत्थर है। यह फैसला हमारी कानून व्यवस्था में एक बड़ा उदाहरण बनेगा।

पीएमएलए में ज्यादातर लोगों को सुप्रीम कोर्ट से ही राहत मिलती हैआमतौर पर निचली अदालतें कभी राहत नहीं देतीं। तो जाहिर है कि केंद्र सरकार के पास इस मामले में कोई सबूत नहीं है।

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