Asaram: दुष्कर्म के मामले में आज 31 जनवरी को आसाराम बापू को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई है। दुष्कर्म मामले में गांधीनगर कोर्ट ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह सजा एक सूरत की महिला से रेप के मामले में सुनाई गई है। इस मामले में उसे IPC की धारा 342, 354, 357, 376, 377 और 506 के तहत दोषी पाया गया और उम्र कैद की सजा सुनाई गई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आसाराम की पेशी हुई। आसाराम फिलहाल एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में जोधपुर में बंद है और सजा काट रहा है।
कितने लोगों पर था आरोप?
इस केस में आसाराम की पत्नी समेत छह और लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। इन आरोपियों में से एक आरोपी की मौत सुनवाई के दौरान हो गई थी। वहीं पांच आरोपियों को सबूत की कमी के कारण बरी कर दिया गया था।
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क्या है पूरा मामला?
बता दें कि करीब 10 साल पहले यानी साल 2013 में आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगाया गया था। यह आरोप सूरत की एक महिला ने लगाया था महिला का कहना था कि आसाराम के अहमदाबाद के मोटेरा वाले आश्रम में उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया गया। इस मामले की शिकायत अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में की गई थी। जिसमें कहा गया था कि महिला जब आसाराम के आश्रम में रह रही थी तब उसके साथ अहमदाबाद शहर के बाहर बने आश्रम में 2001 से 2006 के बीच कई बार दुष्कर्म किया गया था। इस मामले में पुलिस ने जुलाई 2014 में चार्जशीट दाखिल की थी।
स्पीकर के रूप में चुनी गई थी महिला
पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि आसाराम ने उसे गुरूपूर्णिमा आने पर स्पीकर के रूप में चुना था। जिसके बाद उस महिला को आसाराम के फार्म हाउस पर बुलाया गया। आश्रम का एक आदमी महिला को लेने आया था। जहां महिला के हाथ-पैर धोकर कमरे में बुलाया गया और बाद में घी से उसके सिर की मालिश की गई। जहां मालिश के दौरान आसाराम ने महिला के साथ जबरदस्ती करनी शुरू कर दी। आसाराम ने उस महिला के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसे धमकी देकर वहां से चले जाने को कहा।
गवाहों पर हुआ हमला
बता दें कि इस मामले में जो गवाह थे उनपर काफी बार हमले किए गए। इस दौरान एक गवाह अखिल गुप्ता की मुजफ्फरनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा एक गवाह पर कोर्ट में ही हमला किया गया। गवाह राहुल पर हमला किया गया जिसके बाद वो 25 नवंबर 2015 को लापता हो गए और अभी तक उनका कोई पता नहीं चला है। इसके अलावा तीन अन्य गवाहों पर भी हमले किए गए जिनमें उनकी जान बच गई।
कौन है आसाराम
बता दें कि आसाराम का असली नाम आशुमल हरपलानी है। इसका जन्म सिंध पाकिस्तान के बेरानी गांव में अप्रैल 1941 में हुआ था। देश के बंटवारे के बाद इसका परिवार गुजरात के अहमदाबाद में बस गया। 1960 में इसने लालाशाह को अपना गुरू बना लिया। गुरू ने उसका नाम बदलकर आसाराम कर दिया। 1972 में उसने एक झोपड़ी बनाकर वहां रहने लगा। धीरे-धीरे उसके भक्तों की संख्या बढ़ने लगी और गुजरात के कई कई शहरों और देश के कई राज्यों में उसके आश्रम खुलने लगे। उसने लगभग 30 सालों में 400 आश्रम बना लिए और 10 हजार करोड़ की संपत्ति बना ली।
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