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5 राज्यों के विधान सभा चुनावों में मुफ्त की रेवड़ियां बाटने की होड़, जानें किस राजनीतिक पार्टी ने किए सबसे बड़े ऐलान

Assembly Election 2023: राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, मिजोरम और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य हैं। इन राज्यों में चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां भी तेज हैं और पार्टियां जनता को लुभाने के लिए तरह-तरह का ऐलान कर रही हैं।

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assembly election 2023
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Assembly Election 2023: देश के 5 राज्यों में वर्ष 2023 के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, मिजोरम और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य हैं। इन राज्यों में चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां भी तेज हैं और पार्टियां जनता को लुभाने के लिए तरह-तरह का ऐलान कर रही हैं। इस ऐलान के तहत ‘रेवड़ी कल्चर’की बात भी की जा रही है। बता दें कि रेवड़ी कल्चर के तहत राजनीतिक दल जनता को लुभाने के लिए बड़े-बड़े ऐलान करते हैं। हालाकि पीएम मोदी इस कल्चर को देश के लिए नुकसानदायक बता चुके हैं ले किन फिर भी ऐलान का दौर जारी है। ऐसे में आइये हम आपको बताते हैं कि कौन सी राजनीतिक पार्टी ने मुफ्त की रेवड़ियां बाटने को लेकर क्या बड़ा ऐलान किया है।

मध्य प्रदेश में बीजेपी-कांग्रेस के साथ आप का वादा

चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में जनता के लिए वादों की बौछार की गई है। इसके तहत भाजपा ने लाडली बहना योजना, सस्ते एलपीजी सिलिंडर व आवासीय योजना के तहत जनता को साधने की कोशिश की है। वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी इस होड़ में पीछे नहीं है और युवाओं से लेकर महिलाओं को साधने के लिए कई तरह के ऐलान किए हैं। आम आदमी पार्टी ने युवाओं को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा व अस्थायी शिक्षकों को स्थायी दर्जा देने की बात कही है। वहीं कांग्रेस ने भी मध्य प्रदेश में नई विवाह योजना के तहत कन्याओं को धनराशि देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही सस्ता एलपीजी गैस व युवाओं को 2 लाख नौकरी देने का वादा भी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सत्ता में आने पर कौन सी पार्टी अपने कितने वादों को निभाती है।

राजस्थान में वादों की झड़ी

चुनावी राज्य राजस्थान में भी सत्तारुढ़ दल कांग्रेस के साथ विपक्ष की भूमिका निभा रही भाजपा ने लोगों के लिए वादों की झड़ी लगाई है। कांग्रेस ने फ्री स्मार्टफोन, फ्री स्कूटी व फ्री भर्ती परीक्षा जैसे ऐलान कर जनता को अपने पाले में लाने की कोशिश की है। वहीं भाजपा भी सूबे में विकास को लेकर बड़े-बड़े वादे कर रही है। हालाकि दलों ने अभी आधिकारिक रुप से अपना घोषणा पत्र नही जारी किया है। आंकड़ो की माने तो राजस्थान पर अब तक 537013 करोड़ तक का कर्ज है। ऐसे में सरकार किसी की बने तो ऐलानों को पूरा करना आसान नहीं होगा।

तेलंगाना में फ्लैट के साथ सोना देने की बात

चुनावी राज्य तेलंगाना में सत्तारुढ़ दल बीआरएस ने अपने घोषणा पत्र का ऐलान करते हुए फ्लैट, बीमा, कन्या धन व अन्य भत्ता राशि को देने का वादा किया है। वहीं कांग्रेस को लेकर खबर है कि वो राज्य में लड़कियों के लिए 10 ग्राम सोना व लाख रुपये से ज्यादा की धनराशि देने क ऐलान कर सकती है। भाजपा ने तेलंगाना में अभी चुप्पी साध रखी है। हालाकि पीएम मोदी ने तेलंगाना में एक रैली को संबोधित करते हुए हल्दी बोर्ड का गठन, विश्विद्यालय व परियोजनाओं के निर्माण का ऐलान किया था। अब इसको लेकर कहा जा रहा है कि सत्ता में आने के लिए राजनीतिक पार्टियों के वादे का ये क्रम बरकरार रहेगा।

छत्तीसगढ़ में वादों की बौछार

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने वादों की बौछार कर दी है। इस क्रम में कांग्रेस पहले ही युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ता व आवासहीन लोगों के लिए आवास देने का ऐलान कर चुकी है। वहीं भाजपा भी सत्ता में आने पर युवाओं को रोजगार व महिलाओं के लिए की तरह के ऐलान करने की तैयारी में है। हालाकि अभी दलों ने अभी आधिकारिक रुप से अपना घोषणा पत्र नहीं जारी किया है। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि वचन पत्र जारी होने के साथ कई तरह के लोक-लुभावने वादों का ऐलान किया जाएगा। बता दें कि छ्त्तीसगढ़ में भी सरकार का कर्ज मार्च 2023 तक 118166 करोड़ पहुंच गया है। ऐसे में अगर ऐलानों का ये क्रम जारी रहा तो कर्ज के बढ़ने के आसार हैं।

मिजोरम विधान चुनाव में क्या हुआ ऐलान?

मिजोरम में भी जनता के लिए वादों की बौछार हो रही है। कांग्रेस ने यहां अपना घोषणा पत्र जारी करते हुए पुरानी पेंशन बहाली के साथ 750 रुपये में एलपीजी सीलिंडर व प्रति परिवार को 15 लाख रुपये का बीमा देने का ऐलान किया है। इसके अलावा भी कई तरह के लोक-लुभावने वादे किए गए हैं। हालाकि अभी मिजो नेशलन फ्रंट व अन्य दलों का घोषणा पत्र आना बाकी है। इसको लेकर कहा जा रहा है कि यहां भी सत्ता पाने के लिए राजनीतिक दलों में होड़ मची है। अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा के साथ अन्य राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र से क्या ऐलान करते हैं।

घोषणा पत्र में किए गए वादों का असर राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है और इससे राज्यों का कर्ज बढ़ता है। आर्थिक विशेषज्ञों की मानें तो यदि राज्य का आय कम हो और ऐसे ऐलानों के तहत योजनाओं से जनता को लुभाने का क्रम जारी रहेगा तो राज्य पर कर्ज का बोझ और बढ़ता जाएगा। अंततः इसके चक्कर में राज्य दिवालिया होने की क्रम में अग्रसर हो जाएंगे। देश के पीएम मोदी भी मुफ्त की रेवड़ियों वाले कल्टर को आम नागरिकों के लिए नुकसानदायक बता चुके हैं।

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