Tuesday, November 5, 2024
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Atal Setu Bridge की इन 8 टेक्नोलॉजी का नहीं कोई तोड़, भूकंप से लेकर एक्सीडेंट तक सबको को देगा कड़ी चुनौती

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Atal Setu Bridge : साल 2024 देश को सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी से लैस देश के सबसे लंबे Atal Setu Bridge की सौगात मिल गई है। इसकी खासियत ये है कि, ये कई सारी ऐसी आधुनिक टेक्नोलॉजी से मिलाकर बनाया गया है। जिससे यहां गुजरने वाले वाहनों को काफी आसानी होगी। मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक को सार्वजिन रुप से वाहनों के लिए खोल दिया गया है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि, ये भारत का सबसे लंबा समुद्री ब्रिज है। यहां से 70 हजार से ज्यादा वाहन प्रति दिन गुजरने की भी खबर है। इस ब्रिज पर 100 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ते हुए वाहन दिखेंगे। इसमें भूकंपरोधी से लेकर एक्सीडेंट और जाम की रियल जानकारी देने वाली तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। चलिए जानते हैं। इन खास तकनीकों के बारे में।

रियल टाइम ट्रैफिक इंफॉर्मेशन डिस्प्ले

इस पुल पर रियल टाइम ट्रैफिक इंफॉर्मेशन डिस्प्ले लगई गई है, जो कि, वाहन चालक को ट्रैफिक से लेकर एक्सीडेंट की तुरंत जानकारी देगा। जिससे रास्ते की स्थिति का वाहन चालकों को पहले से ही अंदाजा हो जाएगा।

नॉइस रिडक्शन सिस्टम

ब्रिज पर गाड़ियों को शौर को कम करने के लिए इसके किनारों पर नॉइस रिडक्शन सिस्टम लगाए गए हैं। जिससे ध्वनि प्रदूषण कम होगा।

इको फ्रेंडली लाइट की सुविधा

इस पूरे ब्रिज पर कम ऊर्जा खपत वाली इको फ्रेंडली लाइट्स लगाई गई हैं। जिससे पर्यावरण को लाभ मिलेगा।

आइसोलेशन बियरिंग्स का इस्तेमाल

इस पुल का 6.5 स्पीड से आने वाला भूकंप भी कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा। भूकंप के झटकों को कम करने के लिए इसमें शॉक एब्जॉर्बर लगाए गए हैं। जिनसे भूकंप के महसूस नहीं होगे और ये बचा रहेगा।

टोलिंग सिस्टम

इस ब्रिज के टोलिंग सिस्टम में काफी बदलाव किया गया है। यहां पर टोल लेने के लिए इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक यूज की गई है। जिसके जरिए अपने आप ही टोल कट जाएगा और लोगों की भीड़ कम लगेगी।

इनोवेटिव स्टील डेक

वाहनों और लोगों की सुरक्षा के लिए इसमें इनोवेटिव स्टील डेक लगाए गए हैं। इससे पुल का वजन कम हो जाएगा और भारी वाहनों को गुजरने में आसानी होगी।

पिलर के बीच गैप

इस पुल को बनाने के लिए इसमें पिलर के बीच गैप रखा गया है। इससे पुल को ज्यादा मजबूती मिलेगी और पुल पर पिलर्स की संख्या कम होगी।

रिवर्स सर्कुलेशन रिंग की सुविधा


साउंड और वाइब्रेशन को कम करने के लिए इसमें रिवर्स सर्कुलेशन रिंग की सुविधा दी गई है। इससे समुद्री जीवन पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे और वाहन चालकों को कोई परेशानी नहीं होगी।

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Aarohi
Aarohihttps://www.dnpindiahindi.in/
आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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