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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या ही नहीं, काशी में भी है श्यामल रंग के पत्थर से बनी प्रभु की प्रतिमा

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Ayodhya Ram Mandir
Lord Ram Idol

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सभी तरह की आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर ट्रस्ट के दिशा-निर्देश में राम-नगरी को सजाने-संवारने का काम भी जोरो पर है। बता दें कि राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) प्राण प्रतिष्ठा के पहले प्रभु रामलला की श्यामल (काले) रंग के पत्थर से बनी 51 इंच की प्रतिमा को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है।

इसी क्रम में काशी के गंगा तट पर स्थित पशुपति नाथ नेपाली मंदिर में बनी भगवान विष्णु की श्यामल रंग से बनी प्रतिमा को लेकर भी चर्चा जोरो पर है। बताया जा रहा है कि अयोध्या के राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में स्थापित की जाने वाली प्रतिमा के स्वरूप ही काशी में भी भगवान विष्णु की श्यामल रंग के पत्थर से बनी प्रतिमा है जिसकी विशेष मान्यता है।

श्यामल रंग के पत्थर से बनी प्रतिमा

काशी को भगवान भोलेनाथ की नगरी कहा जाता है। मान्यता है कि काशी के कण-कण में भगवान शिव का वास है। ऐसे में काशी नगरी की गलियों में भी मंदिर मिल ही जाते हैं जहां लोग भगवान की अराधना करते पाए जाते हैं। काशी के गंगा तट पर स्थित पशुपति नाथ नेपाली मंदिर भी है जिसमें सभी देवी-देवताओं की प्रतिमा बन हुई है। इसमे भगवान विष्णु के बने प्रतिमा को लेकर खूब सुर्खियां बन रही हैं।

दरअसल भगवान विष्णु की प्रतिमा भी रामलला की प्रतिमा के समान श्यामल रंग के पत्थर से ही बनी है। भगवान विष्णु की प्रतिमा इतनी भव्य है कि इसे देखकर लोग आकर्षित हो जाते हैं। ऐसे में आइए हम आपको काशी में श्यामल रंग के पत्थर से बनी भगवान विष्णु की प्रतिमा वीडियो के माध्यम से दिखाते हैं जिसे स्वागतम काशी फाउंडेशन के आधिकारिक एक्स हैंडल से जारी किया गया है।

Ayodhya Ram Mandir में स्थापित होगी प्रतिमा

अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान प्रभु रामलला की प्रतिमा मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाएगी। रामलला की प्रतिमा को कृष्ण श्यामल पत्थर पर गाढ़ा गया है। मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई इस प्रतिमा की ऊंचाई 51 इंच है। रामलला की मूर्ति के ऊपरी भाग में स्‍वास्त्कि, ऊँ, चक्र, गदा और सूर्य भगवान की आकृति देखी जा सकती है। इस भव्य प्रतिमा को प्राण प्रतिष्ठा कर 22 जनवरी को विधि-विधान के साथ मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।

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