Ayodhya Ram Mandir: देश के विभिन्न हिस्सों में राम-नगरी के नाम से जानी जाने वाली अयोध्या इन दिनों खूब सज-सवर रही है। दरअसल अयोध्या में स्थित राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में 22 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होना है। मंदिर ट्रस्ट की ओर से प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सभी तरह की तैयारियां की जा रही हैं।
खबर है कि राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा से पहले कर्मकूटि व प्रायश्चित पूजा के साथ अनुष्ठानों की शुरुआत हो गई है। इसके लिए प्रकांड विद्वानों ने अपने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अनुष्ठान की शुरुआत की है। दावा किया जाता है कि छेनी-हथौड़े के साथ प्रतिमा की निर्माण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य औजारों से रामलला को चोट पहुंची होगी। ऐसे में कर्मकूटि व प्रायश्चित पूजा के माध्यम से प्रभु श्री रामलला से माफी मांगी जा रही है।
Ayodhya Ram Mandir में शुरू हुआ अनुष्ठान
राम नगरी अयोध्या के लिए 22 जनवरी का दिन बेहद खास है। इस दिन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रभु श्रीराम लला की प्रतिमा राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के गर्भ गृह में स्थापित की जाएगी। ऐसे में मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए शुभ संस्कारों की शुरुआत कर दी गई है।
ताजा जानकारी के अनुसार सबसे पहले आज 16 जनवरी को राम मंदिर में कर्मकूटि व प्रायश्चित पूजा के साथ अनुष्ठानों की शुरुआत हो गई है। माना जाता है कि छेनी-हथौड़े के साथ प्रतिमा की निर्माण में अन्य कई तरह के औजार इस्तेमाल किए गए होंगे जिससे रामलला को चोट पहुंची होगी। ऐसे में कर्मकूटि व प्रायश्चित पूजा अनुष्ठान को शुरू कर रामलला से माफी मांगी जा रही है। इसके बाद शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े अन्य आयोजन संपन्न कराए जाएंगे।
Ayodhya Ram Mandir प्राण प्रतिष्ठा
अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया है। इस खास दिन को प्रभु श्रीराम लला की प्रतिमा राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के गर्भ गृह में स्थापित की जाएगी। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पीएम मोदी भी यजमान के रुप में शामिल होंगे।
मंदिर ट्रस्ट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आज से ही शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व शुभ संस्कारों के अनुष्ठान की शुरुआत हो गई है। इसके तहत आज प्रायश्चित व कर्म कुटी पूजा की जा रही है। वहीं कल यानी 17 जनवरी को प्रतिमा का मंदिर परिसर में प्रवेश किया जाएगा।
इसके बाद क्रमशः तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास, गंधाधिवास, औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, धान्याधिवास, शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास, मध्याधिवास, शय्याधिवास जैसे अनुष्ठानों को संपन्न कर प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
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